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हाईकोर्ट से जॉय गुड़िया और अन्य को नहीं मिली थी राहत
इन सभी 34,634 पीटी पास अभ्यर्थियों को मेन परीक्षा देने का मौका मिला, जिसमें राकेश कुमार नाम के एक और अभ्यर्थी का नाम जुड़ा. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने एकमात्र फरियादी होने के आधार पर पीटी के एक विषय में न्यूनतम अहर्तांक से भी कम अंक होने के बावजूद मुख्य परीक्षा में बैठने की अनुमति मिली, जबकि इसी आधार पर झारखंड हाईकोर्ट ने जॉय गुड़िया और अन्य को राहत नहीं दी.इंटरव्यू देने वाले अभ्यर्थियों को न्यूनतम अहर्तांक के कम आये थे नंबर
28 जनवरी 2019 से 01 फरवरी 2019 तक जेपीएससी की पीटी परीक्षा हुई, जिसमें हजारों छात्र शामिल हुए. बाद में झारखंड हाईकोर्ट ने 28531 अभ्यर्थियां रद्द कर दी. बचे हुए 6103 में से 3820 अभ्यर्थी ही मुख्य परीक्षा में शामिल हो सके. 15 फरवरी 2020 को मुख्य परीक्षा का परिणाम आया, जिसमें 990 अभ्यर्थी इंटरव्यू के लिए सेलेक्ट हुए. 24 फरवरी 2020 को 990 लोगों ने इंटरव्यू दिया, इसके बाद 21 अप्रैल को मेधा सूची जारी हुई और मार्कशीट भी जारी किये गये. इंटरव्यू दिये हुए अभ्यर्थियों के मार्कशीट जब वायरल हुए तो तब पता चला कि कई अभ्यर्थियों के तो एक या एक से अधिक विषयों में न्यूनतम अहर्तांक से कम नंबर आये हैं. ऐसे कई अभ्यर्थी अंतिम रूप से चयनित हो गये.326 सफल अभ्यर्थियों की अनुशंसा सरकार ने किया स्वीकार
इस रिजल्ट को लेकर अभ्यर्थियों ने हंगामा किया. मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों से गुहार लगायी. इस बीच जेपीएससी द्वारा 29 मई 2020 को सभी 326 सफल अभ्यर्थियों की अनुशंसा कार्मिक विभाग को भेज दी गई. फिर 29 जून 2020 को सीएम हेमंत सोरेन ने कैबिनेट की बैठक में उन 326 सफल अभ्यर्थियों की अनुशंसा को स्वीकार कर लिया और उनकी नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश जारी कर दिया.7 जून का आया झारखंड हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
फिर 7 जून 2021 को झारखंड हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया. जिसमें कोर्ट ने माना कि मुख्य परीक्षा के पेपर-1, जो मैट्रिक स्तरीय एंव मात्र क्वालीफाइंग पेपर था. उसके प्राप्ताकों को परीक्षा में नहीं जोड़ा जाना चाहिए था और मेंस परीक्षा देने वाले हर अभ्यर्थी को लिखित विषयों में अपनी कैटेगरी के हिसाब से न्यूनतम अहर्तांक लाना अनिवार्य था. कोर्ट ने प्रकरण में जिम्मेवार लोगों पर कानूनी कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया. इसे भी पढ़ें -केंद्र">https://lagatar.in/center-bans-5200-crores-of-har-ghar-jal-yojana/93491/">केंद्रने हर घर जल योजना के 5200 करोड़ पर लगायी रोक, पिछले बजट का 137 करोड़ खर्च नहीं कर सका विभाग [wpse_comments_template]

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