बोकारो के तेतुलिया मौजा की 100 एकड़ जमीन बचाने की जिम्मेदारी किसकी? वन विभाग ने हाईकोर्ट में क्यों मांगी माफी?

Vinit Abha Upadhyay Ranchi : बोकारो जिले के तेतुलिया मौजा स्थित करीब 100 एकड़ से ज्यादा वन भूमि का फर्जी दस्तावेज बनाकर खरीद-बिक्री किये जाने के मामले की जांच सीआईडी ने शुरू कर दी है. सीआईडी ने बोकारो के सेक्टर-12 थाना में दर्ज कांड संख्या 32/2024 को टेकओवर कर जांच शुरू की है. जिस भूमि से संबंधित जांच सीआईडी कर रही है, उसके खतियान में भूमि की किस्म जंगल-साल दर्ज है और यह भूमि गैरमजरुआ मालिक है. भूमि का खाता नंबर 59, थाना नंबर 38, प्लॉट नंबर 426 और 450 है, जिसका कुल रकबा 100 एकड़ है. खतियान में भूमि की किस्म में जंगल-साल लिखा होने से लगभग यह स्पष्ट होता दिख रहा है कि अगर इस भूमि पर अतिक्रमण हो रहा था या फिर इस भूमि की खरीद-बिक्री हो रही थी तो सबसे पहले वन विभाग को कार्रवाई करने की जरुरत थी. लेकिन जंगल की जमीन बिकती रही, जमीन पर निर्माण और कब्जा होता रहा और वन विभाग के अफसर मौन रहे. तेतुलिया की इस जमीन को लेकर कानूनी लड़ाई भी लड़ी गयी. जिला प्रसाशन ने हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी. हालांकि इस भूमि के मामले में हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कहीं से भी जिला प्रसाशन के पक्ष में आदेश नहीं आया. लेकिन आपको यह जान कर आश्चर्य होगा कि बोकारो वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने हाईकोर्ट में लिखित माफीनामा देकर तेतुलिया की भूमि की खरीद-बिक्री पर रोक के लिए दिये गये उस पत्र को वापस ले लिया, जो बोकारो के रस्जिट्रार को लिखा गया था. बोकारो जिले के चास वन क्षेत्र पदाधिकारी ने 12 मार्च 2021 में जिला अवर निबंधक को पत्रांक संख्या 895 के माध्यम से यह लिखा था कि तेतुलिया मौजा की भूमि की रजिस्ट्री न की जाये. लेकिन हाईकोर्ट में वन विभाग ने पलटी मार दी और हाईकोर्ट को जानकारी देते हुए अपना पत्र वापस ले लिया.
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