Ranchi: रिम्स में लापरवाही आम बात है. अक्सर रिम्स विवादों में रहता है. रिम्स की उदासीनता और लचर कार्यप्रणाली का खामियाजा बोकारो जिले के बरमसिया के हीमोफीलिया पीड़ित मरीज बापी दास को जान गंवा कर चुकानी पड़ी. फैक्टर के अभाव में उसकी मौत हो गई. इसे लेकर हीमोफीलिया ट्रीटमेंट सोसायटी ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह को पत्र लिखकर फैक्टर उपलब्ध कराने का आग्रह किया था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.
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फैक्टर 9 के लिए भी तीन महीने से इंतजार
बापी दास को फाइवा फैक्टर 7 उपलब्ध नहीं होने के कारण उसकी असमय मौत हो गई. इसके पूर्व भी दवा नहीं मिलने के कारण बापी का पैर काटना पड़ा था. हीमोफीलिया ट्रीटमेंट सोसाइटी रांची चैप्टर के सचिव संतोष जायसवाल ने कहा कि वर्तमान समय में रिम्स में तीन महीने से फैक्टर 9 नहीं है. फैक्टर के इंतजार में कोडरमा के पवन कुमार ट्रॉमा सेंटर में और गढ़वा के आदित्य विश्वकर्मा शिशु रोग विभाग में भर्ती हैं. जिसका खून बंद नहीं हो रहा है.
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29 सितंबर को शुभम संदेश ने प्रकाशित की थी खबर
वहीं आपके अपने अखबार, शुभम संदेश ने 29 सितंबर के अंक में हीमोफीलिया मरीजों को नहीं मिल रही दवा, सांसत में जान शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी. बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग की नींद नहीं खुली. जिसका खामियाजा एक मरीज को जान गंवा कर चुकानी पड़ी है.
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