Anant Anand
यूं तो कोरोना महामारी के कारण आने वाली सदी में इसकी गूंज सुनाई देती रहेगी, अलबत्ता जब झारखंड की चर्चा होगी तो बोकारो जिला का बेरमो भी इससे अछूता नहीं रहेगा. बेरमो अनुमंडल में गुजरे हुए वर्ष के लिए राजनीतिक गलियारे में कहीं खुशी तो कहीं गम की दरख्त की अनुभूति अहसास कराती रहेगी. जबकि इस संकट में भी नक्सल मूवमेंट पुलिस के लिए सरदर्द बना रहा.
आइए जानते हैं कि कोरोना काल की चर्चा होगी, तो झारखंड में बेरमो की चर्चा क्यों होगी? दरअसल कोरोना महामारी संकट आने के बाद राज्य सरकार पूरी मुस्तैदी से प्रवासी मजदूरों की वापसी के साथ उसकी जांच करा रही थी. उसी समय 8 अप्रैल की देर रात झारखंड राज्य में पहली कोरोना से मौत की घटना सामने आयी. यह अविस्मरणीय घटना बेरमो अनुमंडल के गोमिया प्रखंड अंतर्गत साड़म ग्राम में एक बुजुर्ग के कोरोना संक्रमण से मौत के रूप में सामने आयी थी. इसके पहले साल की शुरुआत भी कुछ अच्छी नहीं रही थी.
नक्सलियों के खिलाफ सरकार जो भी पहल करें, लेकिन उसकी धधक अभी भी कम नहीं हुई है. पिछले 24 जनवरी को गोमिया प्रखंड मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर तुलबुल पंचायत के पिंडरा गांव में टूटी झरना तक बनने वाली सड़क निर्माण में लगे मुंशी रमेश हंसदा 50 वर्ष की नक्सलियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
इसी प्रकार 2 फरवरी को बेरमो के चतरोचट्टी थाना क्षेत्र के चैयाटांड और राजडेरवा के बीच नक्सलियों ने पुलिस के साथ मुठभेड़ की. लेवी के लिए 2 जुलाई को जागेश्वर थाना क्षेत्र में सड़क निर्माण में लगे ग्रेटर मशीन को आग के हवाले कर दिया.
राजनीति की चर्चा करें तो कई घटनाएं भी घटित हो रही थी, जो राज्य की राजनीतिक परिदृश्य को बदल रही थी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साझा दल के वरिष्ठ कांग्रेस के नेता बेरमो के विधायक व पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह का 24 मई को निधन हो गया. उनके निधन से कांग्रेस को एक बड़ी क्षति हुई, लेकिन बेरमो के उप चुनाव में 10 नवंबर को स्वर्गीय राजेंद्र सिंह के पुत्र कुमार जय मंगल सिंह बेरमो के नये विधायक के रूप में निर्वाचित हुए. अपने पिता की सीट को बचाने में बरकरार रहे.
राज्य के शिक्षा मंत्री ने जब इंटर में एडमिशन लिया, तो यह राज्यभर के लिए चर्चा का विषय बना रहा. झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री व डुमरी के विधायक जगरनाथ महतो ने 10 अगस्त 2020 को 53 वर्ष की उम्र में इंटर में एडमिशन लिया. वैसे तो कहा जाता है कि पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती है, लेकिन राज्य के शिक्षा मंत्री होने के नाते इंटर की पढ़ाई करने के लिए नामांकन करना अपने आप में हैरत करने वाली दृष्टांत थी. लेकिन 2 माह बाद 28 सितंबर को वे बीमार पड़ गये, जिनका इलाज आज भी चेन्नई के अस्पताल में चल रहा है.
इसके अलावा भी शर्मसार होने वाली कई घटनाएं घटित होती रही. 30 मई को बोकारो जिला के ही गोमिया प्रखंड अंतर्गत खखंडा ग्राम में एक महिला को डायन का आरोप लगाकर अर्धनग्न कर जूता का माला पहना कर गांव में घुमाया. खैरियत हुई कि मौके पर पुलिस पहुंच गई और उसकी जान बच गयी. इसके अलावा बोकारो जिला में 280 महिलाओं के साथ दुष्कर्म और यौन शोषण की घटना दर्ज की गयी है. बहरहाल पूरा साल बेरमो अनुमंडल वैश्विक महामारी, राजनीति, उग्रवाद और महिला उत्पीड़न के लिए हमेशा याद किया जाता रहेगा.