NewDelhi : प्रधानमंत्री मोदी के मॉरीशस दौरे की पृष्ठभूमि के बीच कांग्रेस ने आज बुधवार को आरोप लगाया कि मॉरीशस स्थित शेल कंपनियों का उपयोग अदानी समूह द्वारा कथित तौर पर धनशोधन तथा कर चोरी के लिए किये जाने संबंधी आरोपों की जांच में देरी हुई है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह आरोप लगाया है. बता दें कि अदानी समूह कांग्रेस द्वारा लगाये गये आरोपों को आधारहीन करार देकर खारिज कर चुका है.
प्रधानमंत्री इस समय मॉरीशस की यात्रा पर हैं, मॉरीशस एक महत्वपूर्ण वित्तीय केंद्र और भारत का लंबे समय से सहयोगी रहा है। हालांकि, इस संबंध पर उस समय दाग लग गया जब यह विश्वसनीय आरोप सामने आए कि मॉरीशस में स्थित शेल कंपनियों का उपयोग अडानी और उनके सहयोगियों द्वारा बड़े पैमाने पर मनी…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) March 12, 2025
प्रधानमंत्री इस समय मॉरीशस की यात्रा पर हैं
,प्रधानमंत्री इस समय मॉरीशस की यात्रा पर हैं. जयराम रमेश ने आज एक्स पर पोस्ट किया, मॉरीशस महत्वपूर्ण वित्तीय केंद्र और भारत का लंबे समय से सहयोगी रहा है, हालांकि, इन संबंधों पर उस समय दाग लग गया, जब यह विश्वसनीय आरोप सामने आये कि मॉरीशस में स्थित शेल कंपनियों का उपयोग अदानी और उनके सहयोगियों द्वारा बड़े पैमाने पर धनशोधन, राउंड-ट्रिपिंग और कर चोरी के लिए किया गया. कहा कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जारी सेबी की जांच, जो मात्र दो महीने में पूरी होनी थी, वह दो साल तक चली. जयराम रमेश के अनुसार इस देरी की आंशिक वजह यह भी है कि जांच एजेंसी विदेशी न्यायालयों से आवश्यक जानकारी प्राप्त करने में विफल रही है, जो अदानी महा-घोटाले से जुड़ी हुई हैं.
भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार कांड अभी तक क्यों नहीं सुलझ पाया है
इस क्रम में रमेश ने अदानी समूह से जुड़े मामलों का विवरण दिया. कहा कि प्रधानमंत्री और उनके करीबी सहयोगियों द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था तथा इसके प्रमुख संस्थानों पर पूर्ण नियंत्रण से यह स्पष्ट है कि भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार कांड अभी तक क्यों नहीं सुलझ पाया है. साथ ही उन्होंने कहा कि इससे यह भी पता चलता है कि महाराष्ट्र और अन्य स्थानों पर चुनाव में गड़बड़ी कैसे और क्यों हुई। इसका एकमात्र समाधान यह है कि संयुक्त संसदीय समिति(जेपीसी) द्वारा गहन जांच की जाये.
प्रधानमंत्री अनदेखी और मिलीभगत के माध्यम से उन्हें बचाने का सिलसिला जारी रखेंगे
जयराम रमेश ने कहा कि अपने करीबी दोस्तों की वित्तीय घोटाले की जांच के लिए मॉरीशस में अपने समकक्षों को आवश्यक जानकारी साझा करने के लिए प्रोत्साहित करने के बजाय, हमें आशंका है कि प्रधानमंत्री अनदेखी और मिलीभगत के माध्यम से उन्हें बचाने का सिलसिला जारी रखेंगे. यह याद दिलाने का समय है कि गौतम और विनोद अडानी तथा उनके सहयोगियों ने घोटाले के लिए किस तरह बिना किसी डर के मॉरीशस का बेधड़क दुरुपयोग किया है.
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