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रूस की न्यूक्लियर पावर्ड टॉरपीडो से क्यों डरी दुनिया

Lagatar Desk

हाल के वर्षों में परमाणु शक्ति से चलने वाले हथियारों की नई पीढ़ी ने वैश्विक सुरक्षा तंत्र को अस्थिर कर दिया है. इनमें सबसे भयावह आविष्कार माना जा रहा है. न्यूक्लियर पावर्ड टॉरपीडो, जिसे रूस ने Poseidon या Status-6 नाम से विकसित किया है. इस हथियार को दुनिया भर में doomsday weapon कहा जा रहा है, क्योंकि इसकी क्षमता पारंपरिक परमाणु मिसाइलों से कहीं अधिक विनाशकारी और अप्रत्याशित है.

 

क्या है न्यूक्लियर पावर्ड टॉरपीडो?

साधारण टॉरपीडो सीमित दूरी और ऊर्जा पर निर्भर होते हैं, लेकिन न्यूक्लियर पावर्ड टॉरपीडो में एक लघु परमाणु रिएक्टर लगा होता है, जो इसे लगभग अनंत दूरी तक चलने की क्षमता देता है. यह टॉरपीडो महासागर की गहराइयों में छिपकर हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है और महीनों तक सक्रिय रह सकता है. इसकी गति लगभग 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है और यह एक किलोमीटर से अधिक गहराई तक जा सकता है, जहां सामान्य सोनार सिस्टम इसे पकड़ नहीं पाते.

 

विनाश की क्षमता

Poseidon जैसे हथियारों में एक परमाणु वारहेड लगाया जा सकता है, जिसकी शक्ति दर्जनों मेगाटन तक हो सकती है. यानी यह हिरोशिमा पर गिराए गए बम से सैकड़ों गुना अधिक शक्तिशाली हो सकता है. अगर इसे किसी तटीय शहर पर छोड़ा जाए, तो यह भारी विस्फोट और रेडियोएक्टिव सुनामी उत्पन्न कर सकता है, जिससे न केवल लाखों लोग मारे जा सकते हैं बल्कि पूरा समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र नष्ट हो सकता है.

 

दुनिया क्यों चिंतित है

इस हथियार ने कई कारणों से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चिंतित कर दिया है. पहला, यह “अदृश्य और अनस्टॉपेबल” है. इसकी गहराई और गति के कारण कोई भी मौजूदा एंटी-सबमरीन तकनीक इसे रोक नहीं सकती. दूसरा, इसका रेडियोधर्मी खतरा बेहद गंभीर है. अगर टॉरपीडो का रिएक्टर या वारहेड क्षतिग्रस्त हो जाए, तो महासागरों में रेडियोएक्टिव प्रदूषण फैल सकता है, जो दशकों तक समुद्री जीवन और तटीय इलाकों को प्रभावित करेगा. तीसरा, यह रणनीतिक संतुलन को तोड़ता है. अब परमाणु युद्ध की अवधारणा सिर्फ मिसाइलों तक सीमित नहीं रही. समुद्र की गहराई से भी विनाश का खतरा मंडरा सकता है. इससे Mutually Assured Destruction (MAD) जैसे सिद्धांत कमजोर पड़ सकते हैं, जिसने अब तक परमाणु युद्ध को रोके रखा था.

 

राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक असर

न्यूक्लियर पावर्ड टॉरपीडो ने परमाणु हथियारों की होड़ को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है. अमेरिका, चीन और अन्य शक्तियां अब इसी तरह के समुद्री हथियारों पर शोध बढ़ा रही हैं. इससे नई हथियार दौड़ (arms race) की आशंका बढ़ गई है. साथ ही, इस तरह के हथियार “स्लीप मोड” में वर्षों तक समुद्र में पड़े रह सकते हैं, जिससे यह डर बना रहता है कि कहीं कोई दुर्घटनावश सक्रिय न हो जाए.

 

टिप्पणी

न्यूक्लियर पावर्ड टॉरपीडो मानवता के लिए तकनीकी चमत्कार से ज्यादा एक भविष्य का अभिशाप बनकर उभरा है. यह न केवल सैन्य संतुलन को अस्थिर करता है, बल्कि प्रकृति और जीवन के लिए भी गंभीर खतरा है. यदि विश्व समुदाय ने इस दिशा में नियंत्रण नहीं लगाया, तो यह हथियार किसी भी दिन पृथ्वी को एक अकल्पनीय त्रासदी की ओर धकेल सकता है. ऐसे में ज़रूरी है कि दुनिया के सारे देश मिलकर इस न्यूक्लियर अंडरवॉटर डूम्सडे को रोकने के लिए नई अंतरराष्ट्रीय संधियां और पारदर्शी निगरानी तंत्र स्थापित करें.

डिस्क्लेमरः इस लेख को AI की मदद से तैयार किया गया है.

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