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Wildlife Week Special: दो बेजुबानों की प्रेम कहानी,नन्हे सम्राट पर प्रेम लुटा रही लखी

Saurav Shukla Ranchi : भारत के वनस्पतियों,जीवों की रक्षा और संरक्षण के उद्देश्य से 2 से 8 अक्टूबर के बीच भारत में प्रति वर्ष वन्यजीव सप्ताह मनाया जाता है. जो इस बार भी मनाया जा रहा है. पहला वन्यजीव सप्ताह 1957 में मनाया गया था. 2021 का वन्यजीव सप्ताह 67 वें वन्यजीव सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है. इस साल का थीम वन और आजीविका है. ऐसे में हम आपको दो बेजुबानों के प्रेम की कहानी से रूबरू कराते हैं. इसे भी पढ़ें - भारत">https://lagatar.in/bharat-biotech-sends-trial-data-to-dcgi-reports-of-early-approval-of-covaxin-for-children/">भारत

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पोड़ाहाट जंगल से असहाय अवस्था में लाया गया था सम्राट

वन्यजीव सप्ताह के दौरान चिड़ियाघरों में खास रौनक रहती है. जिसमें कई रोचक चीजें देखने को मिलती हैं.ऐसे ही कुछ बेजुबान जानवर भी प्रेम की भाषा समझते हैं. जानवर भी प्रेम के भूखे होते हैं. उन्हें एक बार पुचकार (दुलार) दीजिए तो वो आपके हो जाएंगे. प्रेम से खुशियां है और प्रेम से ही सुकून. सच्चा प्रेम सबको नहीं मिलता है. लेकिन इन दिनों रांची के भगवान बिरसा जैविक उद्यान में दो जानवर के प्रेम से इंसान को भी सीखने की जरूरत है. दरअसल चाईबासा जिले के पोड़ाहाट जंगल से पिछले साल मार्च के महीने में असहाय अवस्था में एक नन्हा हाथी को बिरसा जू लाया गया था. उस वक्त सम्राट(हाथी) 5 महीने का था. डीहाइड्रेट हो चुके सम्राट को बचाना मुश्किल लग रहा था, लेकिन वन विभाग ने उसे बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी.

तीन महीने खास ख्याल के बाद स्वस्थ हुआ सम्राट

वन विभाग की सूचना के बाद रांची के भगवान बिरसा जैविक उद्यान की टीम आनन-फानन में पोड़ाहाट पहुंची. जहां से सम्राट को बिरसा जू लाया गया. चिड़ियाघर के डॉ अजय ने इलाज शुरू किया और उसे नई जिंदगी दी. डॉ अजय कहते हैं कि जिस वक्त नन्हे हाथी को बिरसा जू लाया गया था, उस वक्त उसके शरीर पर जख्म थे. हाथी पूरी तरह से कमजोर था. बेहतर ट्रीटमेंट के बाद अब वह स्वस्थ हो चुका है.

नन्हे हाथी को खल रही थी मां की कमी

डॉ अजय कहते हैं कि नन्हे हाथी को मां की कमी खल रही थी. ऐसी परिस्थिति में बिरसा जू प्रबंधन ने काफी सोंच-समझकर निर्णय लिया कि चिड़ियाघर में अकेली रह रही 17 साल की हथिनी "लखी" के साथ सम्राट को रखा जाए. प्रबंधन का यह निर्णय सफल हुआ. अकेली लखी ने सम्राट को अपनाने में थोड़ा वक्त जरूर लगाया, लेकिन अब दोनों प्रेम का संदेश दे रहे हैं. जू में दोनों की अठखेलियां लोगों को काफी रोमांचित कर रही है और समाज को भी एक संदेश दे रही है कि प्रीत में बहुत बल है. इसे भी पढ़ें - मोदी">https://lagatar.in/corruption-increased-in-modi-government-congress-is-seeing-future-in-kanhaiya-tariq-anwar/">मोदी

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