New Delhi : कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली में कथित तौर पर प्रधानमंत्री की आलोचना वाले पोस्टर लगाने वालों पर कार्रवाई की निन्दा की है. कांग्रेस की ओर से रविवार को पुलिस की कार्रवाई की निन्दा की. साथ ही सरकार को चुनौती कि पर वह कोविड रोधी टीकों के निर्यात पर सवाल उठाने के मामले पर उन्हें भी गिरफ्तार करके दिखाएं. राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने टि्वटर पर अपनी परिचय तस्वीरें बदलकर यह सवाल करता पोस्टर लगा लिया कि कोविड रोधी टीके विदेश क्यों भेजे गए. विपक्षी दल ने कहा कि यदि लोगों को टीके, दवा और ऑक्सीजन नहीं मिलती तो प्रधानमंत्री से कड़े सवाल पूछे जाएंगे.
गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘मुझे भी गिरफ्तार करिए.’’ उन्होंने संबंधित पोस्टर की तस्वीर साझा की जिसमें लिखा है, ‘‘मोदी जी आपने हमारे बच्चों के टीके विदेश क्यों भेजे.’’
टीकों के मुद्दे पर पोस्टर लगाने के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा कुछ लोगों को गिरफ्तार किये जाने के बाद कांग्रेस ने यह चुनौती दी. दिल्ली पुलिस ने प्रधानमंत्री की आलोचना से जुड़े पोस्टर लगाने के मामले में कुछ प्राथमिकियां दर्ज की हैं और कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है.
जयराम रमेश ने दी शाह और मोदी को चुनौती
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चुनौती दी कि वे उन्हें गिरफ्तार करके दिखाएं. रमेश ने कहा कि वह भी अपने परिसर की दीवार पर ऐसे पोस्टर लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि क्या प्रधानमंत्री की आलोचना से जुड़े पोस्टर लगाना अब कोई अपराध है? क्या भारत अब मोदी दंड संहिता से संचालित है? क्या महामारी के बीच दिल्ली पुलिस के पास कोई काम नहीं बचा है? रमेश ने कहा कि कल अपने परिसर की दीवार पर मैं पोस्टर लगाने जा रहा हूं. आइए और मुझे गिरफ्तार करिए.
खेड़ा ने दी गिरफ्तार करने की चुनौती
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मैं आपको चुनौती देता हूं कि मुझे गिरफ्तार करके दिखाइए. मेरा टीका कहां है, मेरी ऑक्सीजन कहां है? हम आपसे प्रश्न पूछना जारी रखेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि सवाल पूछने पर लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है.
खेड़ा ने कहा कि अधिकतर मौतों को टाला जा सकता था और लोग कोविड की वजह से नहीं, बल्कि महामारी से निपटने में कुप्रंबधन की वजह से मर रहे हैं.उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने आवश्यक चीजों की मानव-निर्मित कमी उत्पन्न की और हर तरफ अफरातफरी मच गयी. खेड़ा ने कहा कि भारत सरकार संकट से सही ढंग से नहीं निपट पायी.
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि जब बात टीका विनिर्माताओं से सौदे या टीका रणनीति लाने की आयी तो सबकुछ केंद्रीकृत और व्यक्तिकृत था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी चाहते थे कि उन्हें वैक्सीन गुरु के रूप में जाना जाए. लेकिन अब पूरा विश्व और हर भारतीय कड़े सवाल पूछ रहा है. खेड़ा ने कहा कि आप निर्णय का केंद्रीकरण और दायित्व का विकेंद्रीकरण नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि हमने जो देखा, वह छवि प्रबंधन है,जो सरकार का सर्वाधिक दुर्भाग्यपूर्ण पहलू है. यह देश के लिए घातक है.
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए केंद्र के दिशा-निर्देश जारी करने पर खेड़ा ने कहा कि यह बहुत बाद में किया गया है. जबकि वायरस पहले ही गांवों में फैल चुका है. उन्होंने कहा कि भारत विगत में टीकाकरण अभियानों का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन कर चुका है और पोलियो जैसी बीमारियों का उन्मूलन हो गया है.