Islamabad : भारत के साथ 100 साल तक दुश्मनी नहीं करने की पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को लेकर पाक में बवाल मच गया है. खबर है कि प्रधानमंत्री इमरान खान आज शुक्रवार को देश की पहली राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को जारी करने जा रहे हैं. सूत्रों के अनुसार इस गोपनीय सुरक्षा नीति में भारत के साथ 100 साल तक दुश्मनी नहीं करने पर जोर दिया गया है. इस सुरक्षा नीति में कश्मीर मुद्दे के अंतिम समाधान से पहले ही भारत के साथ व्यापार और बिजनस शुरू करने का जिक्र है.
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पाकिस्तान की सियासत में उबाल आ गया है
जान लें कि इस सुरक्षा नीति के कुछ अंश के मीडिया में लीक होने के बाद पाकिस्तान की सियासत में उबाल आ गया है. इमरान खान पर चौतरफा हमला शुरू हो गया है. भारत में पाकिस्तान के राजदूत रहे अब्दुल बासित ने ट्वीट कर इमरान खान सरकार पर हल्ला बोला है. अब्दुल बासित ने ट्वीट किया, क्या पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को भारत के साथ बातचीत और व्यापार शुरू करने का सुझाव देना चाहिए, वह भी तब जब हिंदुस्तान कश्मीर पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं है. मैं कहना चाहूंगा कि यह बहुत बड़ी गलती होगी. उन्होंने कहा कि इससे पाकिस्तान की कश्मीर नीति कमजोर हो सकती है.
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राष्ट्रीय सुरक्षा नीति साल 2022 से 2026 तक के लिए
पाकिस्तान में चल रहे इस विरोध के बीच डॉन अखबार के चर्चित लेखक जाहिद हुसैन ने कहा कि इमरान खान सरकार के लिए इस पहली सुरक्षा नीति को लागू करने के लिए व्यापक राष्ट्रीय सहमति बनाना वास्तविक चुनौती होगी. खबर है कि पाकिस्तान ने नयी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति साल 2022 से 2026 तक के लिए बनाई है. इसमें भारत सहित अन्य पड़ोसी देशों के साथ दोतरफा व्यापार और निवेश को बढ़ाने पर जोर दिया गया है. इसमें पाकिस्तान की आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करने पर जोर दिया गया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा नीति से जुड़े एक अधिकारी ने एक दिन पूर्व पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून से कहा, हम अगले 100 साल तक भारत के साथ बैर नहीं करेंगे. इस नयी नीति में पड़ोसी देशों के साथ शांति पर जोर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर अगर बातचीत और प्रगति होती है तो इस बात की संभावना है कि भारत के साथ पहले की तरह से व्यापार और व्यवसायिक संबंध सामान्य हो सकते हैं.
कश्मीर को लेकर द्विपक्षीय व्यापार को निलंबित किया है
जान लें कि कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध ठहर गये हैं. पाकिस्तान ने भारत के कश्मीर पर उठाये गये कदमों के जवाब में राजनयिक रिश्तों को कम कर दिया था और द्विपक्षीय व्यापार को निलंबित कर दिया था. पिछले साल फरवरी महीने में उस समय दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने की दिशा में कुछ प्रगति होती दिख रही थी जब दोनों पक्ष एलओसी पर सीजफायर उल्लंघन को रोकने पर सहमत हो गये थे. हालांकि यह प्रक्रिया इससे ज्यादा आगे नहीं बढ़ सकी.
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