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शब्दों से खेलती सरकार और अंधों के बीच विकास की बयार

Adwet Bahuguna नीचे तीन परियोजनाओं के शीर्षक मैंने जस के तस उठा कर लिखे हैं. पढि़ये, देखिये उत्तराखंड में नरेंद्र मोदी सरकार ने बंपर विकास का तमाशा लगाया हुआ है. पहली - भारतमाला परियोजना एक राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना है. जिसमें पिछड़े इलाकों, धार्मिक और पर्यटक स्थल को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जाएंगे. 895 किमी लंबे चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के बीच संयोजकता बेहतर की जाएगी. 31 जुलाई 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी शुरूआत की. दूसरी - चार धाम महामार्ग उत्तराखंड राज्य में प्रस्तावित एक हाईवे परियोजना है. जिसके तहत राज्य में स्थित चार धाम तीर्थस्थलों को एक्सप्रेस राष्ट्रीय राजमार्गों के माध्यम से जोड़ा जायेगा. परियोजना के अंतर्गत कम से कम 10-15 मीटर चौड़े दो-लेन, प्रत्येक दिशा में राष्ट्रीय राजमार्ग बनाये जायेंगे. इस परियोजना के अंतर्गत कुल 900 किमी सड़कों का निर्माण होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2016 में इस परियोजना की आधारशिला रखी थी. तीसरी - ऑल वेदर एक्सप्रेस-वे - चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के बीच करीब 889 किमी लंबी रोडों को चौड़ा किए जाने का प्रोजेक्ट है. इनकी मरम्मत की जा रही है. इनको नेशनल हाइवे में बदला जा रहा है. साल 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने इसका ऐलान किया था. चारधाम परियोजना , ऑल वेदर रोड और भारतमाला परियोजना. तीनों में एक साथ विकास हो रहा है. जगह और सड़क वही है. लेकिन विकास मल्टी डायमेंशनल है. [caption id="attachment_145715" align="aligncenter" width="600"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/08/paroyejna.jpg"

alt="शब्दों से खेलती सरकार और अंधों के बीच विकास की बयार" width="600" height="400" /> भारतमाला परियोजना से ऐसे जुड़ेंगे शहर[/caption] अब अगर कभी पूछा जायेगा कि मोदी सरकार ने उत्तराखंड में कितनी सड़क बनायी, तो सरल सा जबाब है, 895 किमी भारतमाला परियोजना + 900 किमी चार धाम मार्ग और + 889 किमी आल वेदर रोड. बताओ कुल कितनी सड़क बनाई. मोदी सरकार व सरकार के समर्थकों का जबाब होगा 2684 किमी. होगा या नहीं होगा ? फ्रॉड करना सीखना हो तो इनसे सीखों. खुल्ले में. न शर्म न लिहाज. इस बेशर्मी को कहते हैं शब्दों से खेलती सरकार और अंधों के बीच विकास की बयार. डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. [wpse_comments_template]  

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