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होली के रंग, क्षणिकाओं के संग

Naresh Banka शुभकामना मित्र ने होली की शुभकामनाएं इस प्रकार दी – शुभ काम ना… और कहने लगा होली में कोई शुभ काम नहीं होता. बिछड़ने का रंग एक दूसरे से बिछड़ कर हम कितने रंगीले हो गए मेरी आंखें लाल और उसके हाथ पीले हो गए…. हो ली अब क्या खेलें होली… जब वह किसी और की हो ली…. चुनावी रंग चुनाव में भी रंग कमाल कर गए जनता ने उनको “हरा दिया” और वे “लाल ” हो गए… डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं.

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