बार्डर कब खाली करेंगे किसान? संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक कल, होगा फैसला
अमरिंदर भाजपा के साथ सीट शेयरिंग की घोषणा कर चुके हैं
बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच नयी सियासी चर्चा यह भी है कि क्या कैप्टन अमरिंदर सिंह भी साथ में जुड़ेंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि अमरिंदर खुले तौर पर भाजपा के साथ सीट शेयरिंग की घोषणा कर चुके हैं. जान लें कि उन्होंने कृषि कानून रद्द होने की घोषणा होते ही कहा कि भाजपा से पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए हर हाल में गठजोड़ होगा. माना जा रहा है कि अगर अकाली दल और भाजपा जुड़ते हैं तो फिर कैप्टन भी इस गठजोड़ में शामिल हो सकते हैं. पंजाब के सियासी हालात को लेकर जानकारों का कहना है कि अकाली दल, भाजपा और कैप्टन अमरिंदर सिंह एक-दूसरे की सियासी जरूरत हैं. अकाली दल सिखों की पंथक पार्टी मानी जाती है. ऐसे में हिंदू वोट बैंक में उनको मुश्किल होती है. उनके पास कोई बड़ा हिंदू चेहरा भी नहीं है. भाजपा की शहरी और खासकर हिंदू वोट बैंक में अच्छी पकड़ है, लेकिन सिख और खासकर ग्रामीण इलाकों में भाजपा की पैठ नहीं है. इसे भी पढ़ें : कृषि">https://lagatar.in/kangana-unhappy-on-the-return-of-agricultural-laws-said-the-decision-is-unfair-sad-shameful-and-utterly-wrong/">कृषिकानूनों की वापसी पर कंगना नाखुश, कहा, फैसला अनुचित, दुखद, शर्मनाक और सरासर गलत
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