आयरन लेडी इंदिरा जी और उनके पिताजी नेहरु जी कश्मीर के अवैध क़ब्ज़े पाकिस्तान के द्वारा 1948 के बाद दुबारा मध्यस्थ अमेरिका और ब्रिटेन के दबाव में भारत सरकार के मंत्री स्वर्ण सिंह जी व ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो की लगातार बैठक 1962 से 1964 के बीच हुई,इस काग़ज़ को गौर से पढ़िए ,भारत ने… pic.twitter.com/wuJhbOAROW
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— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) May">https://twitter.com/nishikant_dubey/status/1926805534532919657?ref_src=twsrc%5Etfw">May
26, 2025
अमेरिका और ब्रिटेन के दबाव में उस समय भारत सरकार के मंत्री स्वर्ण सिंह व पाकिस्तान के ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो की लगातार बैठक (1962 से 1964 के बीच) हुई. निशिकांत दुबे ने कुछ कागज साझा करते हुए लिखा, इस काग़ज़ को गौर से पढ़िए, भारत ने पुंछ तथा उरी, पाकिस्तान के द्वारा ज़बरदस्ती हथियाए भूभाग को पाकिस्तान को देने का फ़ैसला कर लिया था, इतने पर ही मामला नहीं रुका. गुरेज़ में पूरी नीलम और किशनगंगा घाटी के साथ लाइन ऑफ कंट्रोल को अन्तरराष्ट्रीय सीमा भी इसमें शामिल थी. श्री दुबे ने आरोप लगाया कि भारत ने पुंछ और उरी में पाकिस्तान द्वारा जबरन कब्जा किये गये क्षेत्रों को वापस करने पर सहमति जताई थी. यह नियंत्रण रेखा के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के रूप में गुरेज में संपूर्ण नीलम और किशनगंगा घाटी को नामित करने के लिए तैयार था. उन्होंन लिखा, कि भारत की आज की समस्या का एकमात्र कारण कांग्रेस का हाथ? किसके साथ? निशिकांत दुबे ने लिखा कि कराची से अमेरिकी विदेश मंत्री को भेजे गए टेलीग्राम से पता चलता है कि भारत ने संभावित समझौते के तहत पुंछ, उरी और किशनगंगा घाटी जैसे रणनीतिक क्षेत्रों को पाकिस्तान को सौंपने पर विचार किया था. इसमें भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर में मतदान के लिए सहमत होने की अनिच्छा का उल्लेख किया गया है, जिसमें क्षेत्रीय नियंत्रण की चिंताओं का हवाला दिया गया है, जबकि पाकिस्तान ने पूर्ण-राज्य मतदान पर जोर दिया, जिससे गतिरोध पैदा हो गया. निशिकांत दुबे ने लिखा कि दस्तावेज़ में मतदान ढांचे से हटकर भारत द्वारा उठाये गये जोखिम के बारे में अमेरिकी चिंताओं को भी उजागर किया गया है. बता दें कि इन दिनों भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ऑपरेशन सिंदूर को विदेश भेजे गये एक प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि 2018 में बहरीन FATF का नेतृत्व कर रहा था, तो पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट में डाल दिया गया था. क्योंकि उसने आतंकवाद को बढ़ावा दिया था. एक पोस्ट में लिखा कि जकार्ता में OIC की बैठक में बहरीन ने पाकिस्तान के एजेंडे को काम नहीं करने दिया. जब भी बैठकें होंगी, बहरीन भारत का पक्ष मजबूती से रखेगा. इसे भी पढ़ें : पीएम">https://lagatar.in/pm-modi-said-whoever-removes-the-vermilion-of-our-sisters-will-be-reduced-to-dust/">पीएम#WATCH">https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw">#WATCH
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| Manama, Bahrain | BJP MP Nishikant Dubey says, "We conveyed to them (Bahrain) that there is no concept of minority and majority in India. We are a secular country. But the state of minorities in Pakistan is not good. We (India and Pakistan) started at the same time, but… pic.twitter.com/ux0ywVQRbi
— ANI (@ANI) May">https://twitter.com/ANI/status/1926678464427425960?ref_src=twsrc%5Etfw">May
25, 2025
मोदी ने कहा, जो हमारी बहनों का सिंदूर मिटायेगा, वो मिट्टी में मिल जायेगा
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