Hazaribagh: कटकमसांडी प्रखंड के अंतर्गत आने वाली शाहपुर पंचायत के एक छोटे से गांव शाहपुर टोला डिबलबनथ में महोड़ा पहाड़ की ऊंचाई पर पत्थरों के बीच में फंसी महिला को स्थानीय प्रशासन व ग्रामीणों के संयुक्त प्रयास और कड़ी मशक्कत के बाद शाम चार बजे सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. इससे पहले गुरुवार की सुबह यह चौंकाने वाली घटना उस वक्त सामने आई जब चरवाहों ने उक्त पहाड़ पर एक व्यक्ति पत्थरों के बीच में फंसा पाया. जिसका केवल पांव दिखाई बाहर दिखाई दे रहा था. इस रहस्यमयी घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी. स्थानीय लोग और प्रशासन इस व्यक्ति को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने में जुट गए.
महोड़ा पहाड़ अपनी दुर्गमता व विशाल पत्थरों के लिए प्रसिद्ध है
बताते चलें कि महोड़ा पहाड़ अपनी दुर्गमता और विशाल पत्थरों के लिए प्रसिद्ध है. घटनाक्रम के अनुसार, गांव के कुछ लोग जब पहाड़ की ओर गए, तो उन्हें वहां एक व्यक्ति का पैर दिखाई दिया, जोकि बड़े पत्थरों के बीच फंसा हुआ था. लोगों ने बताया कि अंदर से बचाव की आवाज आ रही थी. ग्रामीणों ने पहले तो खुद ही उसे बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन जब उन्हें इस काम में सफलता नहीं मिली, तो उन्होंने तुरंत स्थानीय प्रशासन को सूचना दी. घटना की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर बचाव कार्यों के लिए एक टीम मौके पर भेजी गई. आपदा प्रबंधन टीम के साथ-साथ स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे. बचाव कार्य के दौरान बड़ी सावधानी बरती जा रही थी, क्योंकि पत्थर बहुत बड़ा और भारी था, जिसे हटाने के लिए भारी मशीनरी की जरूरत थी. वहीं गांव के लोग भी इस आपातकालीन स्थिति में अपने स्तर पर मदद कर रहे थे. स्थानीय युवा और बुजुर्ग सभी मिलकर प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाकर महिला को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास कर रहे थे. आखिर में सफलता मिली और शाम के करीब चार बजे महिला को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.
घटना ने पूरे क्षेत्र के लोगों को एकजुट किया
इस घटना ने पूरे क्षेत्र के लोगों को एकजुट कर दिया. यह घटना दर्शाती है कि मानवता अभी भी जीवित है, और कठिन परिस्थितियों में लोग एक-दूसरे की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. यह घटना न केवल हजारीबाग जिले बल्कि पूरे राज्य के लिए एक चेतावनी है कि प्राकृतिक आपदाओं और अनहोनी घटनाओं के प्रति सतर्क रहना कितना जरूरी है. महिला की जान बचाने के लिए किए गए एकजुट प्रयासों ने मानवता की एक नई मिसाल कायम की है, और यह साबित कर दिया है कि इंसानियत के आगे कोई भी बाधा बड़ी नहीं हो सकती. स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों के समर्पित प्रयास ने उक्त महिला को नई जिंदगी दी है. इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पूरे इलाके में प्रार्थनाओं का दौर जारी रहा, और सभी की निगाहें इस घटना के सकारात्मक परिणाम की ओर टिकी हुई थी.
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