Ranchi: झारखंड में तीन महिला उम्मीदवारों ने ससुर की सियासी विरासत को बचा ली. उन्होंने विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की. ओडिशा के राज्यपाल सह पूर्व सीएम रघुवर दास की बहु पूर्णिमा दास ने जमशेदपुर पूर्वी से कांग्रेस के उम्मीदवार अजय कुमार को पटखनी दी. वहीं पूर्व विधायक समरेश सिंह की बहु श्वेता सिंह ने बोकारो सीट से शानदार जीत हासिल की. उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार विरंची नारायण को काफी बड़े अंतर से हराया. महागामा में कांग्रेस की प्रत्याशी और हेमंत सरकार में मंत्री दीपिका पांडेय सिंह भी ससुर अवध बिहारी सिंह की सियासी विरासत को बचाने में कामयाब रही. दीपिका ने बीजेपी के उम्मीदवार अशोक भगत को पटखनी दी.
पति की सियासी विरासत नहीं बचा पाईं सीता, गीता, मीरा, तारा, सुनीता और अपर्णा
पति की सिसायी विरासत को सीता सोरेन, गीता कोड़ा, मीरा मुंडा और अर्पणा सेनगुप्ता नहीं बचा पाईं. रामगढ़ से गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी सुनीता चौधरी पति की सियासी विरासत को नहीं बचा पाई. उन्हें कांग्रेस की ममता देवी से मात खानी पड़ी. पोटका से पूर्व सीएम की पत्नी मीरा मुंडा को भी हार का सामना करना पड़ा. पूर्व सीएम मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा भी जगन्नाथपुर सीट से चुनाव हार गईं. सिंदरी सीट से तारा देवी भी पति की सियासी विरासत को नहीं बचा पाईं. पूर्व मंत्री जगन्नाथ महतो की पत्नी बेबी देवी भी डुमरी सीट से चुनाव हार गईं. अर्पणा सेन गुप्ता भी निरसा सीट गंवा बैठीं. वहीं झरिया से इस बार पूर्व विधायक संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह और पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की पत्नी निशत आलम ने पति की सियासी विरासत को बचाए रखने में कामयाब रही.
चार कैबिनेट मंत्री हो गए साइडलाइन
इन चुनाव में जनता ने हेमंत सरकार के चार कैबिनेट मंत्रियों को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया. इसमें पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम और महिला बाल विकास मंत्री बेबी देवी को हार का सामना करना पड़ा.
इसे भी पढ़ें –पीएम मोदी शाम सात बजे भाजपा मुख्यालय जायेंगे, महाराष्ट्र-झारखंड चुनाव पर मंथन करेंगे
Leave a Reply