रेयाज की CT वैल्यू थी 10, पत्नी और तीन बच्चे भी थे संक्रमित, 15 दिन में सब हो गये निगेटिव
Ranchi: कोरोना की दूसरी लहर में तेजी से लोग संक्रमित हो रहे हैं. इस वजह से अस्पतालों में भीड़ बढ़ गई है. वैसे लोग भी अस्पताल में एडमिट हैं जो होम आइसोलेशन में रहकर ठीक हो सकते हैं, लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो काफी ज्यादा संक्रमित होने के बाद भी अस्पताल नहीं गये. होम आइसोलेशन में रहकर खुद भी स्वस्थ हुए और परिवार के दूसरे लोगों ने भी कोरोना को मात दी. रांची के रहमत कॉलोनी में रहने वाले रेयाज आलम सहित उनके परिवार के 5 लोगों ने कोरोना को हराया है.
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अभियंता प्रमुख के तकनीकी सलाहकर रियाज आलम को 31 मार्च को कोरोना के प्रारंभिक लक्षण दिखे थे. 2 दिन तक बुखार रहा तो बॉस ने कहा कि कोरोना जांच करा लें. 3 अप्रैल को उन्होंने RTPCR टेस्ट कराया तब रिपोर्ट पॉजिटिव आई. CT वैल्यू 10 था. हाइली इंफेक्टेड रियाज पूरी तरह घबरा गये. उन्होंने खुद को कमरे में आइसोलेट कर लिया. उधर 2-4 दिन के अंदर उनकी पत्नी और तीन बच्चे भी कोरोना संक्रमित हो गये. उनका भी CT वैल्यू 10-12 था. एक हफ्ते के अंदर पूरा परिवार संक्रमित हो गया था. परिवार के सभी लोग अलग-अलग कमरे में आइसोलेट हो गये.
दिन में 4-5 बार लेते थे गर्म पानी का भाप
रियाज के बड़े भाई डॉ सरफराज आलम पटना पीएमसीच में कोविड इंचार्ज हैं. रियाज ने उन्हें फोन पर सारी जानकारी दी. तब उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल जाने की जरूरत नहीं है. अगर ऑक्सीजन लेबल कम हो तभी अस्पताल में भर्ती हो. ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें.
डॉ सरफराज ने रियाज को काफी हिम्मत दिया और जरूरी दवाइयां लेने की सलाह दी. रियाज ने बताया कि उन्होंने भाई की सलाह पर दवाइयां शुरू की. दिन भर में 4 से 5 बार गर्म पानी का भाप लेते रहे और बीटाडीन से गार्गल किया. 8 दिन तक करीब 102 डिग्री बुखार रहा, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. बुखार, एंटीबायोटिक और विटामिन की दवाईयां ली और योग कर जल्द ही कोरोना को हरा दिया. रियाज के साथ-साथ पूरा परिवार 15 दिन में पॉजिटिव से निगेटिव हो गया.
न्यूज चैनल बंद कर मनोरंजक कार्यक्रम देखे और गाने सुना
रियाज ने बताया कि जब रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई तो वे काफी डर गये. लोगों ने सलाह दिया कि इतना कम CT वैल्यू है इसलिए आपको अस्पताल में भर्ती होना चाहिए, लेकिन वे अस्पताल में भर्ती नहीं हुए. उन्होंने कहा कि पॉजिटिव होने के बाद रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने घर पर खाना पहुंचा दिया था. इस दौरान उन्होंने न्यूज चैनल देखना बंद कर दिया. टीवी पर सिर्फ मनोरंजक कार्यक्रम देखते या फिर गाने सुनते थे. नकारात्मक सोच को त्याग कर अपने अंदर सकारात्मक ऊर्जा पैदा की और कोरोना से लड़कर उसे हराया.
सौरभ मिश्रा के परिवार में 3 लोगों ने दी कोरोना को मात
ग्रामीण विकास विभाग के पदाधिकारी सौरभ मिश्रा 5 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव हो गये थे. रातू रोड स्थित अपने घर में सौरभ ने खुद को आइसोलेट कर लिया. इस बीच उनकी मां और पत्नी भी कोरोना संक्रमित हो गईं, लेकिन परिवार का कोई सदस्य अस्पताल नहीं गया. सबने घर में रहकर कोरोना को मात दी. सौरभ के संक्रमित होने के बाद एक-एक कर परिवार के तीनों सदस्य संक्रमित हो गये. गनीमत रही को उनके दोनों बच्चे संक्रमित नहीं हुए. सौरभ के दोनों बच्चे काफी छोटे हैं. एक की उम्र 2 साल है, जबकि दूसरी की 4 साल है. उनकी पत्नी जब संक्रमित हुईं तब छोटे बच्चे उनसे दूर नहीं रह रहे थे. डर था कि बच्चे भी संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन बच्चे स्वस्थ रहे.
अबतक कमजोरी से उबर नहीं पाये हैं
सौरभ ने बताया कि जब वे लोग संक्रमित हुए तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये डॉक्टर से परामर्श लेकर दवाइयां ली. इस दौरान दिन में 5 से 6 बार गर्म पानी में कपूर और लौंग का तेल डालकर भाप लेते रहे. काढ़ा, गिलोय, तुलसी-दालचीनी का सूप और हल्दी वाला दूध पीते रहे. एक हफ्ते में कोरोना को हरा दिया. उन्होंने कहा कि कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई है, लेकिन इस बीमारी ने शरीर को कमजोर कर दिया है. अब शरीर को स्वस्थ बनाने और इम्युनिटी बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं, ताकी दोबारा कोरोना अटैक न कर सके.
सुधीर की डेढ़ साल की बच्ची हुई संक्रमित, परिजनों ने बरती सावधानी, नहीं फैला संक्रमण
रांची के अपर बाजार के रहने वाले सुधीर यादव की डेढ़ साल की बेटी कोरोना संक्रमित हो गई. प्रारंभिक लक्षण दिखने के बाद सुधीर उसे लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसे निमोनिया है, साथ ही उन्होंने कोरोना का भी टेस्ट करवाने की सलाह दी. टेस्ट कराने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आया. सुधीर के होश उड़ गये. वो पूरी तरह से डर गये, लेकिन घरवालों और डॉक्टरों ने भरोसा दिलाया कि सबकुछ ठीक हो जाएगा. एक हफ्ते तक इलाज चला और बच्ची बिल्कुल ठीक हो गई. सुधीर ने बताया कि 10 दिन पहले उसके चाचा की कोरोना संक्रमण से मौत हुई थी. उनकी मौत के दो दिन बाद ही बेटी संक्रमित मिली. सही तरीके से इलाज होने और सावाधनी बरतने की वजह से बेटी से संक्रमण किसी और तक नहीं फैल सका. सुधीर और उनकी पत्नी पूरी तरह स्वस्थ हैं. बेटी की रिपोर्ट भी निगेटिव है.