- सिर्फ जमशेदपुर पूर्वी के कार्यकर्ताओं को ही महानगर कार्यसमिति में दी गई जगह
- जमशेदपुर पश्चिमी, पोटका और जुगसलाई के कार्यकर्ताओं की हुई उपेक्षा
- भाजपा नेता अमर सिंह ने प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी को पत्र लिखकर की शिकायत
Ranchi : प्रदेश भाजपा में ऊपर से सबकुछ ठीक दिख रहा है, लेकिन अंदर सबकुछ ठीक नहीं है. कार्यकर्ताओं का असंतोष और पार्टी की अंदरूनी कलह भले ही सतह नहीं दिख रही है, लेकिन प्रदेश नेतृत्व से कार्यकर्ताओं की नाराजगी पार्टी आलाकमान के कान तक जाने लगी है. जमशेदपुर में पार्टी में इन दिनों काफी घमासान मचा हुआ है. जमशेदपुर महानगर भाजपा के अध्यक्ष गुंजन यादव से वहां कार्यकर्ताओं का एक बड़ा वर्ग नाराज है. उन्होंने कई बार गुंजन यादव की शिकायत प्रदेश नेतृत्व से भी की, लेकिन उनकी सुनी नहीं गई. थक-हार कर जमशेदपुर के भाजपा नेता अमर कुमार सिंह ने गुंजन यादव की शिकायत पार्टी के प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी से की है. वाजपेयी को पत्र लिखकर उन्होंने कहा है कि गुंजन यादव एक खास प्रभाव से महानगर अध्यक्ष बने हैं. महानगर कार्यसमिति के विस्तार में उन्होंने मनमानी की है. सिर्फ पूर्वी जमशेदपुर के कार्यकर्ताओं को जगह दी गई है, बाकी 3 विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हुई है.
दूसरे विधानसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा
अमर कुमार सिंह जमशेदपुर महानगर भाजपा के पूर्व मीडिया प्रभारी रह चुके हैं. लक्ष्मीकांत वाजपेयी को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि 4 विधानसभा (जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी, पोटका, जुगसलाई) को मिलाकर जमशेदपुर महानगर बना है, जिसमें सिर्फ जमशेदपुर पूर्वी के ही अधिकांश कार्यकर्ता पदाधिकारी बनाए गये हैं. वर्तमान महानगर कार्यसमिति में 15 सद्स्यों में से 8 पदाधिकारी सिर्फ जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा से हैं. वहीं पार्टी के मोर्चों और जिला कार्यसमिति के भी 10 सदस्य पूर्वी विधानसभा से हैं. प्रदेश कार्यसमिति में भी 10 सदस्य पूर्वी विधानसभा से ही हैं. दूसरे विधानसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है.
ईमानदारी से काम करने वाले नेता खुद को ठगा महसूस कर रहे
अमर सिंह ने यह भी कहा है कि गुंजन यादव के कारण महानगर जमशेदपुर के उपाध्यक्ष, युवा मोर्चा और मंडलों के पदाधिकारियों के पद खाली हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग भाजपा छोड़कर चले गये थे, वापस आने पर उन्हें पार्टी में तरजीह और जिम्मेदारी दी जा रही है. इस कारण संगठन के लिए सालों से ईमानदारी से काम करने वाले नेता खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. उन्होंने प्रदेश प्रभारी से इन सब चीजों पर संज्ञान लेने की मांग की है.
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