Hazaribagh: पीएम नरेंद्र मोदी के हजारीबाग आगमन को लेकर जहां भाजपा कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों में खुशी का जबरदस्त माहौल है, वहीं झारखंड की आम जनता की निगाहें भी उनपर टिकी हुई हैं. कार्यकर्ताओं के लिए 2 अक्टूबर 2024 का दिन हजारीबाग के इतिहास का स्वर्णिम दिन माना जा रहा है. साथ ही एक बेहद सुखद संयोग है. शारदीय नवरात्र का शुरुआती दिन, सत्य एवं अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जयंती के साथ कई परिवर्तन और आंदोलन की धरती रही हजारीबाग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन होने जा रहा है. हजारीबाग शिक्षा का हब के रूप में जाना जाता है. इसी हजारीबाग (संयुक्त रामगढ़ जिला) की धरती से सन 1940 में रामगढ़ की धरती से अंग्रेजों के खिलाफ़ उलगुलान हुआ था और यही से भारत छोड़ो आंदोलन की नींव रखी गई थी.
हजारीबाग की धरती से पीएम मोदी देश को कई योजनाओं की सौगात देंगे तो झारखंड विधानसभा चुनाव का शंखनाद भाजपा की परिवर्तन यात्रा के समापन के साथ करेंगे. बता दें कि 15 नवंबर 2000 को बिहार राज्य से अलग होकर झारखंड देश का 28वां राज्य बना. तब बिहार में एक गीत बेहद फेमस हुआ अलग भईल झारखंड अब खईह शकरकंद… बिहारियों के लिए यह दिन भले ही कष्टकारी रहा लेकिन झारखंडवासियों के लिए यह दिन आजादी मिलने से कम नहीं था. आम झारखंडी जो सदियों से अपने आप को शोषित, वंचित एवं ठगा महसूस कर रहे थे. उनके लिए यह दिन एक नए सूर्योदय का था, एक नई उम्मीद के साथ आशा की नूतन सबेरा का था. झारखंड के आदिवासी हो या गैर आदिवासी सबके जुबान पर एक ही बात थी कि अब हमारा दिन सुधारने वाला है.
गरीबी, अशिक्षा, शोषण से मुक्ति पाकर अब हम विकास की एक नई गाथा लिखने वाले हैं. झारखंड की भाषा, संस्कृति, सभ्यता, यहां के खूबसूरत और रमणीय पर्यटन स्थलों का दिन फिरने वाला है, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा कुछ होता दिखाई नहीं दे रहा है. राजनीतिक स्थिरता के भयानक दौर में हरेक झारखंडी का मधुर सपना चकनाचूर हो गया. झारखंड के साथ ही अलग हुए छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड दिन दो गुना- रात चौगुन तरक्की करती रहा और हमारा झारखंड अपनी अस्मिता को बचाने के लिए मशक्कत करता रहा. झारखंड प्रदेश को ईश्वर ने वह सब कुछ दिया जिससे यह प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों के श्रेणी में आ जाए. परंतु प्राकृतिक संसाधन से परिपूर्ण झारखंड में झारखंडी महाकंगाल होते गए और बाहरी कंपनियां और बड़े व्यवसाई मालामाल होते गए.
देखा जाय तो बेरोजगारी राज्य के सबसे बड़ी समस्या है. शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं में भी हम बहुत बेहतर नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी धरती आबा की पावन भूमि झारखंड के हजारीबाग में पधार रहे हैं तो उनसे उम्मीद की जाती है कि वे झारखंड को दलालों, माफियाओं, ठेकेदारों और रंगदारों के एकाधिकार से मुक्ति दिलाने की कोई ठोस घोषणा करें. विशेष राज्य का दर्जा देते हुए झारखंड की विकास की गति को प्रगति देने का कार्य करें.
इसे भी पढ़ें – इजरायल की हिजबुल्लाह के खिलाफ जमीनी सैन्य कार्रवाई शुरू, अमेरिका ने दिया समर्थन
Leave a Reply