Special Report/Sanjeet Yadav
Palamu: कोरोना का कहर जानलेवा साबित होता जा रहा है. एक तरफ लॉकडाउन लगा है और दूसरी तरफ लोगों को रोजी-रोटी की भी समस्या हो रही है. इसमें सबसे अधिक परेशानी गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को हो रही है. लॉकडाउन की वजह से उनके सामने समस्याएं खड़ी हो रही हैं. ऐसे तो शहर में मुख्य जगहों पर हर दिन लगभग पचास मजदूर आते थे, लेकिन इन दिनों लगभग दस मजदूर आते हैं.
प्रतिदिन नहीं मिलता काम
दिहाड़ी मजदूरों ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण ठीक से काम नही मिलता है. पैसा नहीं मिलने से खाने-पीने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. प्रतिदिन काम नहीं मिलने से कभी-कभी तो घर जाने के लिए टेंपू भाड़ा के लिए सोचना पड़ता है. पिछले वर्ष लगे लॉकडाउन में जगह-जगह भोजन की व्यवस्था थी. इस बार ऐसा नहीं है.
गरीबों पर ध्यान दे सरकार
मजदूरों ने कहा कि पिछले वर्ष थाने में सुबह-शाम खाना खिलाया जाता था. इस बार ऐसी व्यवस्था नहीं है. पिछले वर्ष जिनके पास राशन कार्ड था या नहीं, उन सभी को मुफ्त में 5 केजी राशन सरकार द्वारा दिया जा रहा था. इस वर्ष नहीं दिया जा रहा है. सरकार द्वारा गरीबों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. अगर सरकार ध्यान नहीं देती है तो गरीब तबके के लोगों की मौत कोरोना से कम भूखमरी से अधिक होगी.