Ranchi: रांची नगर निगम के अस्थायी और अनुबंधित कामगारों ने अपने अधिकारों के लिए संघर्ष तेज करने का ऐलान कर दिया है. झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद अब तक स्थायीकरण की प्रक्रिया शुरू न होने और अन्य मांगों को लेकर कामगारों ने 20 मार्च को नागा बाबा खटाल और 21 मार्च को पुराना विधानसभा मैदान में बैठकें कीं, जहां सैकड़ों श्रमिकों ने भाग लिया.
बैठकों में नगर निगम के उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्र के कामगारों ने एकजुटता दिखाते हुए चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया गया, तो 10 अप्रैल को श्रम विभाग और 28 अप्रैल को नगर निगम का घेराव किया जाएगा.
कामगारों की प्रमुख मांगे:
1. स्थायीकरण: 10 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत अस्थायी और अनुबंधित कर्मचारियों को स्थायी किया जाए.
2. अनुकंपा नियुक्ति: मृत कामगारों के आश्रितों को नौकरी दी जाए.
3. अवकाश नियम लागू हो: झारखंड सरकार द्वारा घोषित अर्जित अवकाश, आकस्मिक अवकाश और राष्ट्रीय त्योहार अवकाश लागू किया जाए.
4. बकाया वेतन भुगतान: ए टू ज़ेड कंपनी द्वारा बकाया वेतन, पीएफ और बोनस का तत्काल भुगतान हो.
आंदोलन की चेतावनी
बैठकों को संबोधित करते हुए सीटू के कार्यकारी राज्याध्यक्ष भवन सिंह, जिला सचिव प्रतीक मिश्र, जिलाध्यक्ष राजेंद्र राम, प्रकाश टोप्पो और अनिर्बान बोस ने सरकार को साफ संदेश दिया कि अगर हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. कामगारों ने नगर निगम प्रशासन को चेतावनी दी कि उनकी मांगों की अनदेखी करना भारी पड़ेगा. अब देखना होगा कि प्रशासन इस चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेता है या फिर कामगारों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर किया जाता है.
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