Ramgarh : राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सिविल सर्जन कार्यालय रामगढ़ के सभागार में चलने वाली दो दिवसीय कार्यशाला के पहले दिन डॉ. प्रभात कुमार सिविल सर्जन , रामगढ़ एवं डॉ. स्वराज जिला यक्ष्मा पदाधिकारी रामगढ़ ने दीप जलाकर प्रशिक्षण का शुभारंभ किया.
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मार्च से होने वाली मैट्रिक और इंटर की परीक्षा को लेकर रांची डीसी ने की बैठक प्रारंभिक लक्षणों के बारे में लोगों को जागरूक करना है
मौके पर सिविल सर्जन , रामगढ़ ने कहा कि कुष्ठ रोग के प्रारंभिक लक्षणों के बारे में लोगों को जागरूक करना है, रोग के बारे में फैले भ्रम को दूर करना हैं. उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग का निदान और उसकी जटिलताओं के प्रबंधन में सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में व्यवस्था करना ही मुख्य उद्देश्य हैं. कुष्ठ रोग बहुत ही संक्रामक रोग हैं, जो जीवाणुओं के कारण होता हैं. यह मुख्य रूप से त्वचा और तांत्रिकाओं को प्रभावित करता हैं. यह रोग धीरे धीरे बढ़ता हैं.
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संक्रमण तीन से पांच वर्ष के बाद दिखने लगता है
औसतन संक्रमण तीन से पांच वर्ष के बाद प्रत्यक्ष रूप से दिखने लगता हैं. प्रशिक्षक डॉ. गविस राज्य कुष्ठ कन्सलटेन्ट NLEP , झारखण्ड , रांची , डॉ. सिद्वार्थ कन्सलटेन्ट NLEP , डॉ. मनोज WHO Jharkhand , Ranchi एवं काशीनाथ चक्रवर्ती S.C. कोडिनेटर NLR झारखण्ड , रांची के द्वारा सभी चिकित्सा पदाधिकारियों कुष्ठ रोग एवं इसके लक्षण तथा इसके निदान के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी. कार्यक्रम में डॉ. एसपी सिंह वरिष्ठ चिकित्सा पदाधिकारी , सिविल सर्जन कार्यालय , रामगढ़ , डॉ. महालक्ष्मी प्रसाद, डीआरसीएचओ पदाधिकारी , रामगढ़ ,सावन कुमार ठाकुर जिला काय - चिकित्सक एनएलईपी , रामगढ़ , आमोद कुमार डीपीए उपस्थित थे.
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