Krishna Kant
10 दिन के अंदर दुनिया के दो संस्थानों ने कहा है कि भारत में लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है. स्वीडन के रिसर्च इंस्टिट्यूट वी-डेम की रिपोर्ट कहती हैः “भारत अब चुनावी लोकतंत्र नहीं रहा, बल्कि चुनावी तानाशाही में तब्दील हो चुका है. वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से देश का लोकतांत्रित स्वरूप काफी कमजोर हुआ है और अब ये ‘तानाशाही’ की स्थिति में आ गया है. ताजा आंकड़ों को देखते हुए पूरे दावे के साथ ये कहा जा सकता है कि भारत ‘चुनावी तानाशाही’ में तब्दील हो चुका है. भारत अब पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी ‘निरंकुश’ और बदतर हालत में पहुंच गया है.”
ये रिपोर्ट देने वाले स्वीडन के रिसर्च इंस्टिट्यूट को आप गाली दे सकते हैं. इसके लिए राहुल गांधी, जवाहरलाल नेहरू या जलालुद्दीन अकबर को गाली दे सकते हैं. लेकिन उस नुकसान का क्या करेंगे जो भारत वैश्विक फलक पर झेल रहा है?
भारत को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का खिताब सिर्फ इसलिए हासिल नहीं था, क्योंकि ऐसा हम कहते थे. अब तक ये बात सारी दुनिया कह रही थी. तब हम गर्व करते थे. अब वही दुनिया वाले अगर कह रहे हैं कि भारत में लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है, तो क्या इस पर गौर नहीं किया जाना चाहिए?
अभी एक ही हफ्ते पहले अमेरिका की एक संस्था फ्रीडम हाऊस ने कहा कि भारत अब एक ‘आजाद देश’ नहीं बल्कि ‘आंशिक रूप से आजाद देश’ है. इस रिपोर्ट में कहा गया कि वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद से भारत में नागरिक अधिकार सीमित होते जा रहे हैं. इस संस्था ने भारत को ‘फ्री कंट्री’ से “पार्टली फ्री कंट्री” की श्रेणी में डाल दिया है. रिपोर्ट कहती है कि भारत का “स्वतंत्र देशों के स्तर से नीचे गिरने” का दुनिया के लोकतांत्रिक मानकों पर घातक असर पड़ेगा.
दुनियाभर की मानवाधिकार और लोकतंत्र निगरानी संस्थाएं लगातार भारत के बारे में ऐसा कह रही हैं. भारत ने एक बहुत लंबी लड़ाई लड़कर आजादी हासिल की थी और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र होने का गौरव हासिल किया था. दुर्भाग्य से भारत अपना लोकतंत्र और दुनिया में अपनी इज्जत, दोनों गवां रहा है.
जो कह रहे थे कि देश नहीं झुकने दूंगा, वे दुनिया में आपका सिर झुका रहे हैं. अगर आपको ये मंजूर है, तो फिर ये सारी बातें बेकार हैं. फिर आप गर्व कीजिए कि आपके पूर्वजों ने जो लोकतंत्र हासिल किया था, उसे आपके ही चुने हुए नेतृत्व के हाथों धीमा जहर दिया जा रहा है.
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