Ranchi: झारखंड में बैंकों का एनपीए लगातार बढ़ रहा है, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंत तक 7,448.78 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है. यह पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में लगभग 1.2 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है. राज्य के लगभग सभी जिले बैंकिंग सेवाओं के लिए डिजिटल सुविधाओं तक पहुंच के मामले में एक महत्त्वपूर्ण मील के पत्थर तक पहुंच गए हैं. लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है. बचत खातों के लिए, सभी जिलों में डिजिटल कवरेज 98 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक है, लेकिन चालू खातों के लिए कवरेज 80 प्रतिशत और 100 प्रतिशत के बीच है.
वित्तीय सेवाओं की असमानता
जिलों में वित्तीय सेवाओं के उपयोग में असमानताएं स्पष्ट हैं. कुछ जिलों में ऋण जमा (सीडी) अनुपात काफी कम है, जिसमें पश्चिमी सिंहभूम का सीडी अनुपात सिर्फ 12 प्रतिशत है. वर्तमान में राज्य में लगभग 13.42 लाख केसीसी कार्ड है, हालांकि सक्रिय केसीसी कार्ड की संख्या केवल 4.31 लाख है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में 3.69 लाख KCC खातों के तहत लगभग 2.591.75 करोड़ रुपए वितरित किए गए थे, जो वित्तीय वर्ष 2022-23 में बढ़कर 722 लाख खातों के तहत लगभग 3.987.88 करोड़ रुपए हो गए. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की स्थिति
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत किशोर ऋण सबसे लोकप्रिय है, इसके बाद शिशु ऋण और तरुण ऋण क्रमशः आते हैं. स्टैंड-अप इंडिया ऋण योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में लगभग 103 करोड़ रुपए वितरित किए गए. फैक्ट फाइल
- झारखंड में बैंकों का एनपीए लगातार बढ़ रहा है. - डिजिटल सुविधाओं की कमी एक बड़ी समस्या है. - वित्तीय सेवाओं के उपयोग में असमानताएं स्पष्ट हैं. - केसीसी कार्ड की स्थिति चिंताजनक है. - प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत किशोर ऋण सबसे लोकप्रिय है.
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