NewDelhi : विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के नेतृत्व में सभी पहलवान भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. जंतर मंतर पर पहलवान 23 अप्रैल से धरना दे रहे हैं. इस बीच पहलवानों को बड़ा झटका लगा है. धरने का नेतृत्व कर रहीं रेसलर साक्षी मलिक ने खुद को इस आंदोलन से अलग कर लिया है. साथ ही वो रेलवे की नौकरी पर लौट गयी हैं. सूत्रों की मानें तो विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को भी आंदोलन से अपना हटाकर जल्द नौकरी पर लौट सकते हैं. (पढ़ें, महिला जूनियर एशिया कप : भारत ने मलेशिया को 2-1 से हराया)
3 जून को पहलवानों ने अमित शाह से की थी मुलाकात
बता दें कि पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये हैं. इससे पहले 3 जून को पहलवानों ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. अमित शाह ने पहलवानों को आश्वासन दिया था कि कानून के तहत आरोपों की जांच की जायेगी और दोषी को बख्शा नहीं जायेगा. माना जा रहा है कि होम मिनिस्टर से आश्वासन मिलने के बाद ही साक्षी मलिक ने यह फैसला लिया है.
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पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का लगाया आरोप
बता दें कि 7 महिला पहलवानों ने 21 अप्रैल को बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कनॉट प्लेस थाना में शिकायत दर्ज करायी थी. इन शिकायतों के आधार पर 28 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के दो मामले दर्ज किये. पहली प्राथमिकी पॉक्सो एक्ट के तहत नाबालिग द्वारा लगाये गये आरोपों के आधार पर दर्ज किया गया है. वहीं दूसरी एफआईआर अन्य पहलवानों द्वारा लगाये गये यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित है.
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