Ravichandran Ashwin on WTC final : इंडियन एक्सप्रेस को दिये इंटरव्यू में रविचंद्रन अश्विन ने बताया कि, मैं इस फाइनल मुकाबले में बेशक खेलना चाहता था. क्योंकि टीम को यहां तक लाने में मेरा भी योगदान था. मैंने पिछले फाइनल में चार विकेट भी लिए थे. साल 2018-19 के बाद से विदेश में मेरा प्रदर्शन भी अच्छा रहा है. मैं फिलहाल ना खेल पाया और ना ही खिताब हमें मिल पाया. मैं इस फैसले को कोच और कप्तान के नजरिए से देख रहा हूं और उन्हें समझने की कोशिश कर रहा हूं. जब हम 2021 में इंग्लैंड में थे तब ही टीम ने शायद यहां मन बना लिया था कि चार पेसर और एक स्पिनर ही सफल होंगे. इसलिए मैच शुरू होने से 48 घंटे पहले ही शायद मुझे पता था कि मुझे खेलने का मौका नहीं मिलेगा.
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13 मैचों में 61 विकेट लेने के बाद भी अश्विन को नहीं मिला मौका
रविचंद्रन अश्विन WTC की दूसरी साइकिल में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज थे. वहीं ओवरऑल वह नाथन लायन और कगिसो रबाडा के बाद दूसरे स्थान पर थे. उन्होंने 13 मैचों में कुल 61 विकेट झटके थे. फिर भी यह खिलाड़ी फाइनल मुकाबले में टीम का हिस्सा नहीं था. यह जानकर हर क्रिकेट जानकर को आश्चर्य होना लाजिमी है. यही सबसे बड़ा कारण भी टीम इंडिया की हार का रहा. सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर और सौरव गांगुली जैसे दिग्गजों ने इस फैसले पर हैरानी जताई थी. अश्विन ने इस पर भी कहा कि, उन्हें अच्छा लगा यह जानकर की उन्हें लगता था कि वह खेलें. पर वह ना खेले और ना ही टीम इंडिया खिताब जीत पाई.
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फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से 209 रन से हार गयी थी भारतीय टीम
भारतीय टीम को ओवल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में 209 रनों से निराशाजनक हार झेलनी पड़ी थी. इस हार के बाद टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा के कई फैसलों पर सवाल उठे. उसमें सबसे ज्यादा चर्चा का विषय रहा था रविचंद्रन अश्विन जैसे नंबर एक गेंदबाज को टीम में जगह नहीं मिलना. कई दिग्गजों ने अश्विन को जगह नहीं मिलने पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी थीं. लेकिन हर किसी को इंतजार था कि खुद अश्विन इस पर क्या बोलेंगे? अब टीम इंडिया के स्टार स्पिनर ने भी इस पर चुप्पी तोड़ते हुए अपनी प्रतिक्रिया देते हुए निराशा व्यक्त की है.