NewDelhi : विपक्ष में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को लेकर जारी जोड़-तोड़ और सहमति बनाने की कवायद के बीच
पूर्व वित्त और विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) से इस्तीफा दे दिया है. कयास लगाये जा रहे हैं कि विपक्ष की ओर से उन्हें राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर पेश किया जा सकता है. साथ ही इसे ममता बनर्जी का नया दांव भी करार दिया जा रहा है . जान लें कि राष्ट्रपति पद का चुनाव 18 जुलाई को होना है.
I am grateful to Mamataji for the honour and prestige she bestowed on me in the TMC. Now a time has come when for a larger national cause I must step aside from the party to work for greater opposition unity. I am sure she approves of the step.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) June 21, 2022
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TMC में उन्होंने मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा दी, उसके लिए मैं ममता बनर्जी का आभारी हूं
खबर है कि यशवंत सिन्हा आज दिल्ली में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चुनाव के लिए विपक्ष की बैठक में शामिल होंगे. बैठक में शामिल होने से पहले यशवंत सिन्हा ने ट्वीट किया, TMC में उन्होंने मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा दी, उसके लिए मैं ममता बनर्जी का आभारी हूं. अब एक समय आ गया है, जब एक बड़े राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से हटकर विपक्षी एकता के लिए काम करना चाहिए. मुझे यकीन है कि पार्टी मेरे इस कदम को स्वीकार करेगी.
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शरद पवार, फारुख अब्दुल्ला, गोपाल कृष्ण गांधी विपक्ष के ऑफर को ठुकरा चुके हैं
जानकारी के अनुसार TMC आज होने वाली विपक्ष की बैठक में राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार के रूप में यशवंत सिन्हा के नाम का प्रस्ताव करेगी. तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने इस मसले पर चर्चा करने के बाद सिन्हा ने प्रस्ताव पर सहमति जताई है. जान लें कि शरद पवार, फारुख अब्दुल्ला और गोपाल कृष्ण गांधी विपक्ष के ऑफर को ठुकरा चुके हैं.
महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी ने सोमवार को विपक्ष के नेताओं को राष्ट्रपति पद के लिए उनका नाम सुझाने पर धन्यवाद देते हुए चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जताई थी. बता दें कि ममता बनर्जी राष्ट्रपति पद पर मजबूत दावेदारी पेश करने के लिए विपक्ष के नेताओं को गोलबंद करने में जुटी हैं. इसके तहत एनसीपी प्रमुख शरद पवार का नाम उछला था, लेकिन पवार ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था.