Ranchi: पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के खिलाफ दर्ज मामले में साक्ष्य से छेड़छाड़ करने के मामले में तत्कालीन दो अनुसंधानकर्ता के ऊपर मामला दर्ज हुआ है. पुलिस मुख्यालय के आदेश के बाद चतरा जिले के टंडवा थाना में मामला यह दर्ज हुआ है. यह मामला योगेंद्र साव के खिलाफ टंडवा थाना में दर्ज कांड संख्या 90/15 और 91/15 के तत्कालीन अनुसंधानकर्ता सब इंस्पेक्टर गौरी शंकर तिवारी और सत्येंद्र कुमार सिंह के खिलाफ दर्ज हुआ है. दोनों अनुसंधानकर्ता सेवानिवृत्त हो चुके हैं.
अनुसंधानकर्ताओं ने साक्ष्य के साथ किया छेड़छाड़
चतरा जिले के टंडवा थाना में दर्ज कांड संख्या 90/15 और 91/15 के अनुसंधान के क्रम में अनुसंधानकर्ताओं के द्वारा साक्ष्य से छेड़छाड़ किया गया था. डीजीपी के आदेश के बाद चतरा एसपी ने सिमरिया डीएसपी को दोनों तत्कालीन अनुसंधानकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया था. दोनों तत्कालीन अनुसंधानकर्ता के खिलाफ टंडवा थाना में केस संख्या 81/2021 दर्ज किया गया है. दोनों तत्कालीन अनुसंधानकर्ता के खिलाफ आईपीसी की धारा 420/201/34 के तहत केस दर्ज किया गया है.
सीआईडी से डीजीपी को भेजी थी रिपोर्ट
पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के खिलाफ टंडवा और बड़कागांव थाना में दर्ज मामले में साक्ष्य नहीं मिले थे. यह सीआईडी की जांच में खुलासा हुआ था. बता दें कि योगेंद्र साव के खिलाफ बड़कागांव और टंडवा थाना में दर्ज पांच मामले की सीआईडी ने समीक्षा की थी. जिसके बाद सीआईडी ने प्रारंभिक रिपोर्ट डीजीपी को भेज दी थी.
विधायक अंबा प्रसाद ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा था
बता दें कि 30 अप्रैल 2020 को बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद के द्वारा मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा गया था. जिसमें अपने पिता योगेंद्र साव के खिलाफ दर्ज मामले की समीक्षा का अनुरोध किया था. साल 2015 में योगेंद्र साव के खिलाफ कांड संख्या 90/2015, 91/2015 ,92/2015 ,93/2015 और 97/2015 दर्ज किया गया है. इसके अलावा बड़कागांव थाना में कांड संख्या 158/2010, 167/2015 और साल 2016 में 122, 123, 225, 226 और दर्ज हैं. इन सभी मामलों की जांच की मांग की गई थी.
सही तरीके से नहीं हुई जांच
आरोप है कि पुलिस अधिकारियों ने सही तरीके से अनुसंधान नहीं किया. अन्य मामलों में पुलिस के पास पुख्ता सबूत के तौर पर कुछ नहीं है. इस मामले में अनुशंसा की गई है कि उस समय जो हजारीबाग और चतरा में पुलिस अधिकारी थे उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. फिलहाल योगेंद्र साव के खिलाफ दर्ज मामले की जांच जारी है.पुलिस मुख्यालय को सीआईडी के द्वारा जो रिपोर्ट भेजी गई है उसमें पांच मामलों की समीक्षा की गई है. इन मामलों के दस्तावेज की जांच की जा रही है.