Ranchi: न्याय पाने का तरीका अब महंगा हो चुका है और शायद यही वजह है कि लोग अभी भी कोर्ट कचहरी के चक्कर में नहीं पड़ना चाहते. इसकी दो वजहें हैं एक अदालती कार्यवाही में लगने वाला वक्त जो कई बार थोड़ा लम्बा होता है और दूसरा न्याय की लड़ाई में लगने वाला खर्च जो हर किसी के द्वारा वहन कर पाना मुश्किल होता है. लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि झारखंड हाईकोर्ट में एक ऐसी युवा वकील हैं जो बिना फीस लिये आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को न्याय दिला चुकी हैं और वो भी छोटे मोटे मामलों में नहीं बल्कि हत्या का दोष सिद्ध होने के बाद सजायाफ्ता बंदियों की कानूनी लड़ाई लड़कर इस युवा वकील ने 8 बंदियों को इंसाफ दिलवाया है. ऐसे कैदियों को जेल की सलाखों से आजाद करवाकर खुली हवा में सांस लेने का हक दिलवाया है.
शौर्या ने 8 कैदियों को कराया रिहा
झारखंड हाईकोर्ट में वकालत की शुरुआत करने वाली युवा महिला अधिवक्ता शौर्या द्विवेदी कश्यप अब तक झारखंड के अलग-अलग जेलों में बंद 8 कैदियों को हाईकोर्ट से रिहा करवा चुकी हैं. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इसके लिए शौर्या ने अपने किसी भी क्वाइंट से एक रूपये भी फीस के तौर पर नहीं लिया. इतना ही नहीं हाईकोर्ट द्वारा एमाइकस क्यूरी नियुक्त किये जाने पर मिलने वाली राशि को भी शौर्या ने लेने से इंकार करते हुए कई वैसे लोगों की क़ानूनी लड़ाई बिना फीस लिए लड़ी हैं जो अपने अधिकारों के लिए सिर्फ इसलिए नहीं लड़ना चाहते थे क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी.