Patna : मुजफ्फरपुर की रेप पीड़िता की पीएमसीएच में इलाज के दौरान मौत होने पर बिहार की राजनीति में उबाल आ गया है. इसके विरोध में आज सोमवार को युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानू चिब के नेतृत्व में हल्ला बोल मार्च निकाला गया.
बिहार में अब हमारी बहन-बेटियाँ सुरक्षित नहीं हैं!
— Uday Bhanu Chib (@UdayBhanuIYC) June 2, 2025
हर दिन बढ़ते अपराध, दरिंदे खुले घूम रहे हैं और सरकार मुँह फेरकर बैठी है।
हमारी माँग साफ़ है:
अपराधियों के ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कार्रवाई हो! pic.twitter.com/aGNNGyZqKP
कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम से मार्च निकाला गया, लेकिन पुलिस ने राजापुर पुल के पास मार्च को बैरिकेड लगा कर रोक दिय .इस पर पुलिस के साथ कांग्रेस नेताओं की हल्की झड़प भी हुई. खबर है कि कोतवाली पुलिस ने कई कांग्रेसी नेताओं कार्यकर्ताओं को थाना में हिरासत में रखा.
आज पटना की सड़कों पर मैं और मेरे साथियों @Allavaru जी, @rajeshkrinc जी और @IYCBihar के युवाओं ने इस अन्याय के खिलाफ सड़कों से सत्ता को झकझोरा।
— Uday Bhanu Chib (@UdayBhanuIYC) June 2, 2025
अब हर युवा, हर दलित, हर बेटी इस कुशासन काल के खिलाफ़ हल्ला बोलेगा! pic.twitter.com/CKeC7trxVj
हल्ला बोल मार्च प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावारू और प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम भी शामिल थे. कांग्रेस ने रेप पीड़िता की मौत के लिए राज्य की नीतीश सरकार और प्रशासन को जमकर कोसा.
कांग्रेस कार्यकर्ता दलित बेटी को न्याय दो, नीतीश का सुशासन आदि लिखे पोस्टर लेकर सड़क पर उतरे. उदय भानू चिब ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. पटना की सड़कों पर मैं और मेरे साथियों ने इस अन्याय के खिलाफ सत्ता को झकझोरा.अब हर युवा, हर दलित, हर बेटी इस कुशासन काल के खिलाफ़ हल्ला बोलेगा.
जान लें कि मुजफ्फरपुर की रेप पीड़ित की पटना में इलाज के दौरान मौत हो गयी. नौ वर्षीय बच्ची पीएमसीएच के गायनी वार्ड के आईसीयू में भर्ती थी. उसे शनिवार दोपहर एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर से रेफर किया गया था. जब उसे पीएमसीएच में लाया गया, तो उस समय उसकी स्थिति काफी गंभीर थी. एक बात और कि पीएमसीएच में बेड नहीं मिलने से इलाज में देरी के आरोप प्रशासन पर लगे थे.
अधीक्षक डॉक्टर आईएस ठाकुर के अनुसार बच्ची एसकेएमसीएच में 26 मई को भर्ती कराई गयी थी. वहां उसका इलाज चल रहा था, जब हालत ज्यादा खराब हो गयी तो उसे शनिवार को पीएमसीएच लाया गया. लेकिन डॉक्टरों की लाख कोशिश के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका. बालिका के परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.