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उत्तर प्रदेश में जीका वायरस का खतरा, कानपुर में मिले दस और नये मामले

Lucknow : कोरोना महामारी का खौफ अभी खत्म भी नहीं हुआ है कि उत्तर प्रदेश में जीका वायरस का खतरा बढ़ गया है. जीका वायरस के कानपुर में अब तक 89 मामले सामने आ चुके हैं. रविवार को दस और नये मामले सामने आने से लोग दहशत में हैं. कानपुर शहर के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. नेपाल सिंह के अनुसार संदिग्‍ध लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, जिनमें 10 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है. इससे पहले शनिवार को कन्‍नौज में जीका वायरस का पहला मामला सामाने आया था. पीड़ित की उम्र 45 साल के करीब थी. जिसमें जीका वायरस होने की पुष्टि हुई, वह व्यक्ति कानपुर के शिवराजपुर स्थित कासामऊ गांव में रुका था. इसे भी पढ़ें-NIA">https://lagatar.in/nia-raids-two-places-extortion-and-obstruction-in-government-work/">NIA

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ये हैं लक्षण

उसका सैंपल 3 नवंबर को भेजा गया था, जिसमें उसकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव निकली. जीका वायरस के कुछ खास लक्षण होते हैं. वैसे तो इसके लक्षण डेंगू जैसे ही होते हैं, जैसे बुखार का आना, शरीर पर चकत्ते पड़ना और जोड़ों में दर्द का होना है. पर जांच से इस बीमारी का पता चलता है.

मच्छर के काटने से होती है यह बीमारी

जीका वायरस मच्छर के कारण फैलता है. यह वायरस एडीज एजिप्टी प्रजाति के मच्छर के काटने से होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार  एडीज मच्छर ज्यादातर  दिन में काटते हैं. ये वही मच्छर हैं जिससे डेंगू, चिकनगुनिया फैलाता है. अधिकतर लोगों के बीच जीका वायरस का संक्रमण कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन यह गर्भवती महिलाओं के लिए और खासतौर से भ्रूण के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है.

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