पहुंचे हाईकोर्ट, CBI कोर्ट के फ़ैसले को दी चुनौती, अदालत से मांगी बेल
जातिगत, सामाजिक समीकरणों के आधार पर बनायी गई है रणनीति
बीजेपी राष्ट्रीय एसटी मोर्चा ने अंडमान निकोबार के जातिगत और सामाजिक समीकरण के आधार पर झारखंड के आदिवासी नेताओं की वहां ड्यूटी लगायी है. गौरतलब है कि अंडमान-निकोबार में झारखंड के छोटानागपुर इलाके के लोग काफी संख्या में बसे हुए हैं. छोटानागपुर के 2 लाख से ज्यादा लोग यहां रहते हैं. अकेले पोर्ट ब्लेयर में 50 हजार से ज्यादा झारखंड के आदिवासी होंगे़. गुमला, खूंटी, सिमडेगा, रांची जैसे इलाके के आदिवासी यहां हैं. अंग्रेजों ने इन्हें काम कराने के लिए अंडमान लाया था और फिर झारखंड के आदिवासी अंडमान-निकोबार में ही रच बस गये. छोटानागपुर के आदिवासियों ने ही अंडमान-निकोबार के दुर्गम भूखंड को रहने लायक बनाया है. हालांकि अभी तक झारखंड के आदिवासियों को वहां एसटी का दर्जा नहीं मिला है.यूपी विधानसभा चुनाव में भी पसीना बहा रहे झारखंड बीजेपी के नेता
बीजेपी राज्यों की भाषा, संस्कृति, सामाजिक और जातिगत स्थिति के देखते हुए चुनावों में रणनीति तैयार करती है. इसके तहत लोकसभा और विधानसभा चुनावों में झारखंड बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता दूसरे राज्यों के चुनावों में प्रचार के लिए जाते रहे हैं. उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी झारखंड के 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने पसीना बहाया. कई नेता अभी भी वहां कैंप कर रहे हैं.alt="अंडमान-निकोबार में कैंप कर रहे झारखंड बीजेपी के 10 नेता, पंचायत चुनाव में बहा रहे पसीना" width="600" height="400" />
पश्चिम बंगाल चुनाव में भी झारखंड से गये थे स्टार प्रचारक
वहीं इससे पहले पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में झारखंड बीजेपी के नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी थी. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व सीएम रघुवर दास, बाबूलाल मरांडी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश समेत कई बड़े नेता और पार्टी के पदाधिकारियों ने हफ्तों तक पश्चिम बंगाल में कैंप किया था. कहीं न कहीं बीजेपी को इसका फायदा भी मिला था.बिहार, असम, ओडिशा, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों की भी करते रहे हैं मदद
बिहार, असम, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, ओडिशा समेत अन्य पड़ोसी राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में भी झारखंड के बीजेपी नेता और कार्यकर्ता भेजे जा चुके हैं और वहां के बीजेपी कार्यकर्ता भी झारखंड के चुनावों में आकर प्रचार कर चुके हैं.बीजेपी में रही है सहयोग की परिपाटी- आदित्य साहू
बीजेपी के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू का कहना है कि बीजेपी में एक-दूसरे का सहयोग करने की परिपाटी रही है. बीजेपी एक परिवार की तरह है. परिवार में अगर कहीं कार्यक्रम होता है तो जैसे परिवार से जुड़े लोग सहयोग के लिए पहुंचते हैं, वैसे ही बीजेपी के कार्यकर्ता दूसरे राज्यों में होने वाले चुनावों में मदद करने जाते हैं. चुनाव विधानसभा, लोकसभा या फिर पंचायत का हो, किसी भी चुनाव में पार्टी के कार्यकर्ता जरूरत के मुताबिक, दूसरे राज्यों में मदद के लिए जा सकते हैं. इसमें कहीं कोई बाध्यता नहीं है. इसे भी पढ़ें – कुरियर">https://lagatar.in/cid-arrested-cyber-criminal-who-cheated-more-than-2-lakhs-in-name-courier-delivery/">कुरियरडिलीवरी के नाम पर 2.10 लाख की ठगी करने वाले साइबर अपराधी को CID ने किया गिरफ्तार [wpse_comments_template]

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