Ranchi : झारखंड में सड़क दुर्घटनाए एक गंभीर समस्या बन गई है. राज्य में औसतन हर दिन 17 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें लगभग 14 लोगों की जान चली जाती है.
झारखंड पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के 15 जिलों में 102 ऐसे ब्लैक स्पॉट्स (अत्यधिक दुर्घटना संभावित क्षेत्र) हैं, जहां सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं और मौतें होती हैं. 2024 की तुलना में 2025 में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या में वृद्धि हुई है.
15 जिलों में हैं 102 ब्लैक स्पॉट्स
| जिला का नाम | ब्लैक स्पॉट | 
| रांची | खेलगांव चौक, दलादली चौक, जामचुआ और नामकुम थाना. | 
| गुमला | केओ कॉलेज से गणेशपुर दीपा, टोटो चौक, डिबडीह, खड़का ब्रिज, बरकाडीह, चपका, घाघरा मार्केट, पिलखी मोड, रेडवा, मंझाटोली, रायडीह, जोडाजाम, करौंदी, सीलम पेट्रोल पंप, कामडारा चौक, सूर्या होटल, देवगौरी चौक और देवाकी. | 
| लोहरदगा | 
पतरा टोली मार्केट. | 
| सिमडेगा | 
नीचे बाजार, नावाटोली, टुकुपानी, फुलवाटांगर, गधा नाला, केरिया और सरायपानी. | 
| जमशेदपुर  | 
परडीह चौक और आजादनगर. | 
| सरायकेला | 
कूड़ी, मुड़िया, फौजी ढाबा, दुगनी सीआईएसएफ कैंप, चांडिल काली मंदिर, आसनबनी, कंदरबेड़ा, शहरबेड़ा, चांडिल डैम रोड, चांडिल गोलचक्कर, चिलगु, दुबराजपुर, चावलीबासा, रघुनाथपुर, बीसो मोड, आदित्यपुर टॉल ब्रिज, सुधा डेयरी और आदित्यपुर पान दुकान चौक | 
| पलामू  | 
चुकरु से दुबियाखर, कांडा घाटी, लोहड़ा, पोखरहा और सतबरवा बाजार | 
| हजारीबाग | 
हथिया बाबा मंदिर, इचाक मोड, यूपी मोड और 14 माइल. | 
| रामगढ़ | 
रामगढ़ घाटी, गोला में मगनपुर, चोपादारू घाटी, महतो होटल और मरांगमचा. | 
| कोडरमा | 
नवामाईल. | 
| चतरा | 
संगहारी घाटी. | 
| गिरिडीह | 
औरा, लक्षीबागी, चतरो, जामताड़ा, हैठनगर और रंगामाटी. | 
| धनबाद | 
जीटी रोड, कल्याणपुर, जोरापीपल, किसान चौक, बारियों मोड, श्री श्याम भट्ठा, फाकरीडीह पुल, कावाबांध, तेलमोच्चो पुल, बेलचारी मोड, निरसा चौक, खरनी मोड और मैंथन चौक. | 
| बोकारो | 
43 मोड, बारी कॉपरेटिव मोड, चारगी घाटी, दांतू, आईटीआई मोड से सीआरपीएफ कैंप, जोधडीह मोड और खूंटरी. | 
| दुमका | 
सहारा तेलझारी, मुफस्सिल और विजयपुर चौक. | 
सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों में वृद्धि
झारखंड में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है. 2024 जनवरी से जून के बीच 2,166 लोगों की जान गई है. वहीं साल 2025 में इसी अवधि में यह संख्या बढ़कर 2,478 हो गई, जो पिछले साल की तुलना में 312 अधिक है.
ब्लैक स्पॉट्स की पहचान क्यों है जरूरी
ब्लैक स्पॉट्स की पहचान का उद्देश्य उन स्थानों पर सड़क सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देना है, जहां अत्यधिक दुर्घटनाएं होती हैं. इन इलाकों में सड़कों की स्थिति, तेज रफ्तार, खराब ट्रैफिक प्रबंधन और खतरनाक मोड़ों जैसे कारण आमतौर पर देखे जाते हैं.
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