Mumbai : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने 19 मई को 2000 के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने का फैसला किया था. आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट बदलवाने के लिए 23 मई से 30 सितंबर यानी 4 महीने का वक्त दिया है. 17 दिनों में बैंकों के पास कुल 1.80 लाख करोड़ मूल्य के 2,000 रुपये के नोट वापस आये थे. ताजा रिपोर्ट्स की मानें तो एक महीने में बैंकों के पास 2000 के 72 फीसदी नोट जमा हो चुके हैं. 23 मई से 23 जून तक देशभर के बैंकों में 72 फीसदी 2000 रुपये के नोट या तो डिपॉजिट हुए या फिर एक्सचेंज किये गये हैं. अब बस 28 फीसदी नोट बैंकों में डिपॉजिट या बदलने बाकी है. बता दें कि 31 मार्च 2023 तक कुल 3.62 लाख करोड़ रुपये मूल्य के दो हजार रुपये के नोट चलन में थे.
नोटों को चलन से हटाने के फैसले का अर्थव्यवस्था पर ‘बहुत सीमित’ असर
गौरतलब है कि आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले महीने कहा था कि 2,000 के नोटों को चलन से हटाने के फैसले का अर्थव्यवस्था पर ‘बहुत सीमित’ असर होगा. चलन में मौजूद कुल मुद्रा में 2,000 के नोट का हिस्सा सिर्फ 10.8 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि 2016 में नोटबंदी के बाद नकदी की कमी की भरपाई के लिए 2,000 रुपये का नोट लाया गया था.
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नोट बदलवाने के लिए ना आईडी प्रूफ और ना फॉर्म भरने की जरुरत
2000 के नोटों को बदलवाने के लिए आरबीआई ने गाइडलाइंस जारी किये हैं. बैंकों को खास इंतजाम करने का आदेश दिया गया है. लोगों को परेशानी ना हो और वे आसानी से अपने नोट बदल या जमा कर सकें, इसके लिए बैंकों ने सारी तैयारियां कर ली है. इसको लेकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने नोटिफिकेशन जारी किया है. नोटिफिकेशन के अनुसार, 2000 रुपये के नोट को बदलवाने के लिए किसी भी व्यक्ति को आईडी प्रूफ नहीं देना होगा और ना ही कोई अतिरिक्त फॉर्म भरना होगा. लोग एक दिन में 20,000 रुपये यानी 2000 रुपये के 10 नोट बदल सकते हैं. हालांकि डिपॉजिट को लेकर जो बैंक के नियमों का पालन करना होगा.
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बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट सेंटर जाकर बदलवा सकते हैं नोट
नोटिफिकेशन के अनुसार, ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट सेंटर जाकर 2000 रुपये के नोट बदलवा सकते हैं. लेकिन सेंटर पर 2000 रुपये के सिर्फ दो नोट (4000 रुपये) ही नोट बदले जा सकते हैं. जान लें कि बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट एक बैंक की तरह की काम करते हैं, जो ग्रामीणों को बैंक अकाउंट खोलने में मदद करते हैं.
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7 साल बाद 2000 के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने का फैसला
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को 2000 रुपये के नये नोट का अनावरण किया था और 500 और 1000 के पुराने नोट को बंद करने की घोषणा की थी. जिसके बाद रातों रात पूरे देश में खलबली मच गयी थी. लोग बैंकों के बाहर लंबी लाइनें लगाकार खड़े हो गये थे. 7 साल बाद आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने का फैसला किया है.
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लंबे से समय से नहीं छपे 2000 के नोट
रिजर्व बैंक ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में 2000 रुपये के नोट को लेकर जानकारी दी थी. जिसमें बताया गया था कि वित्त वर्ष 2019-20, वित्त वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2021-22 में 2000 रुपये के एक भी नोट नहीं छापे गये हैं. इस वजह से बाजार में 2000 रुपये के नोटों का सर्कुलेशन कम हुआ है.
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