Ranchi: DTMH रेजिडेंट सत्र 2019-21 के चिकित्सक डॉ सिराजुद्दीन की मौत कोरोना के इलाज के दौरान हो गयी. अपने साथी चिकित्सक को खोने के बाद जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के तमाम चिकित्सक आक्रोशित हैं. 5 सूत्री मांगों को रखते हुए JDA ने राज्य सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया था. जिसका 48 घंटा पूरा हो गया है. जेडीए के सदस्यों ने राज्य सरकार को 24 घंटे का डेड लाइन दिया है. जिसमें कहा है कि सरकार पांच सूत्री मांगों पर विचार करे नहीं तो जूनियर डॉक्टर विरोध करने के लिए विवश होंगे.
फंड रेजिंग के लिए किया पोस्टर लॉन्च
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के सदस्यों ने डायरेक्टर ऑफिस के बाहर फंड रेजिंग का पोस्टर लॉन्च किया. जेडीए के अध्यक्ष डॉ विकास ने कहा कि इस महामारी की घड़ी में हम काम करते हुए अपने सहयोगी डॉ सिराजुद्दीन को खो चुके हैं. लेकिन अब तक राज्य सरकार की ओर से मुआवजा राशि की घोषणा की गयी. राज्य सरकार के पास 24 घंटे का वक्त है. यदि फैसला नहीं होता है तो हम विरोध करने पर विवश होंगे. किसी तरह का नुकसान हुआ होता है, तो इसकी जिम्मेवारी राज्य सरकार की होगी.
जमीन बेचने को विवश हैं डॉ सिराजुद्दीन के परिवार
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के कोऑर्डिनेटर डॉ अभिषेक ने कहा कि डॉ सिराजुद्दीन के परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब है. इसलिए हम सभी लोग मिलकर फंड इकट्ठा कर रहे हैं. यदि राज्य सरकार ठोस निर्णय नहीं लेती है तो हम आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे. उन्होंने कहा कि उनके दो छोटे बच्चे हैं. आर्थिक स्थिति काफी खराब है. इलाज में लाखों रुपए खर्च हो गया. अब परिवार की स्थिति ऐसी हो गयी है कि उन्हें जमीन बेचने की नौबत आ गयी है.
JDA की मांग
- कोरोना संक्रमण के दौरान देहांत होने वाले फ्रंटलाइनर स्वास्थ्य कर्मियों की परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए.
- कोरोना संक्रमित स्वास्थ्य कर्मी के इलाज का खर्च स्वास्थ्य बीमा के द्वारा झारखंड सरकार वहन करें
- कोरोना इलाज में काम कर रहे चिकित्सकों को सप्ताह में अधिकतम 48 घंटे ही काम कराया जाए.
- चिकित्सकों की बकाया राशि(एरियर और प्रोत्साहन) राशि का भुगतान करें.
- महामारी को देखते हुए रिम्स में यथा शीघ्र ECMO मशीन की व्यवस्था की जाए.