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झारखंड में पिछले तीन माह में आपदाओं से हुई 431 की मौत

  • वज्रपात से अब जान नहीं जाएगी, तीन घंटे पहले बजेगी चेतावनी की घंटी
  • हर जिले को मिलेगा प्रशिक्षित गोताखोर
  • जीआईएस पोर्टल से सीधे पीड़ित के खाते में पहुंचेगी मदद
  • रांची, गुमला, लोहरदगा और सिमडेगा में फसल क्षति पर त्वरित राहत
  • अब जीपीएस से होगा नुकसान का आकलन और मुआवजा ट्रांसफर

मंत्री ने हाईलेवल मीटिंग, ये लिए निर्णय

Ranchi: आपदा से निपटने के लिए सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं. इसे लेकर आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने गुरुवार को उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की.  बैठक में राज्य में हुई अतिवृष्टि, वज्रपात, सर्पदंश एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावों की विस्तृत समीक्षा की. विभागीय सचिव राजेश कुमार शर्मा ने एक विस्तृत प्रेजेंटेशन के माध्यम से मंत्री को राज्यभर में हुई क्षति की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया. 


 पिछले तीन माह में विभिन्न आपदाओं से 431 की मौत


पिछले तीन महीनों में विभिन्न आपदाओं के कारण राज्य में 431 लोगों की मौत हो गई. इसमें  वज्रपात से – 180, अतिवृष्टि से – 09, पानी में डूबने से – 161, सर्पदंश से – 80, बाढ़ से – 01 की मौत हो गई. 


मकान और फसल को हुआ भारी नुकसान


अतिवृष्टि के कारण कच्चे मकानों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है. इसमें कच्चे मकानों की आंशिक क्षति: 7979 और पूर्ण क्षति 447 कच्चे मकानों की हुई. जबकि पक्के मकानों की आंशिक क्षति 208 और पूर्ण क्षति 20 पक्के मकानों की हुई. 


2390 हेक्टेयर भूमि पर फसलें बर्बाद हुईं


राज्य में फसल क्षति का भी गहराई से अध्ययन हुआ, जहां रांची, गुमला, लोहरदगा और सिमडेगा जिलों में कुल 2390 हेक्टेयर भूमि पर फसलें बर्बाद हुई. सरकार ने सभी जिलों को आपदा राहत के लिए तत्काल राशि उपलब्ध कराई है. विगत वित्तीय वर्ष में 57 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए. वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक 44 करोड़ रुपये प्रदान किए जा चुके हैं. रांची और लोहरदगा से शेष जानकारियां मिलते ही संबंधित राशि जारी कर दी जाएगी.


मिटीगेशन प्रोजेक्ट फॉर लाइटनिंग सेफ्टी को मिली मंजूरी


वज्रपात से जानमाल की सुरक्षा के लिए एक बड़ा निर्णय लिया गया है. जामताड़ा, दुमका एवं बरहेट में विशेष सर्वेक्षण कर मिटीगेशन प्रोजेक्ट फॉर लाइटनिंग सेफ्टी” की शुरुआत होगी. इस परियोजना के तहत  इलेक्ट्रिकल फील्ड मिल उपकरण लगाए जाएंगे, जिससे वज्रपात की घटना से औसतन 3 घंटे पूर्व चेतावनी लाउडस्पीकरों के माध्यम से जनता तक पहुंचेगी.


पानी में डूबने से बचाव के लिए ऐतिहासिक कदम


हर जिले से 2 गोताखोरों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. साथ ही प्रमुख जलप्रपातों पर लोहे की जालियां और चेन लगाकर घटनाओं की रोकथाम की जाएगी.


एमआइएस व जीआइएस पोर्टल से रियल टाइम मदद


जेएसएसी के सहयोग से एमआइएस व जीआइएस पोर्टल के निर्माण की जानकारी दी गई, जिसके माध्यम से जीपीएस आधारित स्थान की पहचान कर पीड़ितों को सीधे खाते में डिजिटल भुगतान संभव होगा. साथ ही मुख्यालय से आपदा राहत की मॉनिटरिंग भी अब और प्रभावी होगी.


सड़क दुर्घटना में मुआवजा होगा चार लाख रुपये 


मंत्री इरफानअंसारी ने यह भी निर्देशित किया कि सड़क दुर्घटना के मृतकों को भी अन्य आपदाओं के समान 4 लाख रुपए की मुआवजा राशि प्रदान की जाए. यह एक सशक्त, संवेदनशील और समावेशी नीति की दिशा में बड़ा कदम है. 


मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आपदाओं को टाल नहीं सकती, परंतु उनके दुष्प्रभाव को न्यूनतम करने के लिए प्रतिबद्ध है. हम हर परिस्थिति में जनता के साथ हैं. हर महीने समग्र समीक्षा बैठक कर योजना की प्रगति का आंकलन किया जाएगा.

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