- मत विभाजन से पहले भाजपा और सहयोगी दलों ने सदन से किया वॉक आउट
- हेमंत बोले- आदिवासी को राष्ट्रपति बनाकर आदिवासी सीएम को सत्ता से हटाना चाहती है भाजपा
- 48 वोटों से सीएम हेमंत सोरेन ने हासिल किया विश्वास मत, विपक्ष में शून्य वोट
Ranchi: झारखंड में सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा के विशेष सत्र में विश्वास मत हासिल किया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के रखे विश्वास प्रस्ताव पर करीब 2 घंटे तक बहस के बाद स्पीकर ने वोटिंग कराई, जिसमें विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 48 वोट मिले वहीं विपक्ष में 0 वोट पड़े. विश्वास मत का समर्थन करने वाले यूपीए के विधायकों ने अपनी सीट पर खड़े होकर अपनी वोट दर्ज कराया, वहीं भाजपा और उसके सहयोगी दल मत विभाजन से पहले सदन का वॉक आउट करके सदन से बाहर निकल गये.
इसपर मुख्यमंत्री ने तंज कसा कि भगोड़े सदन छोड़कर भाग रहे हैं. इससे पहले विश्वास मत के समर्थन में बोलते हुए हेमंत सोरेन ने भाजपा पर खूब हमले किये. कहा कि ये सामंतवादी और मनुवादी लोग हैं, जिनकी वजह से आज तक कोई आदिवासी और दलित आगे नहीं आ पाया. ये लोग एक आदिवासी को राष्ट्रपति बनाकर एक आदिवासी मुख्यमंत्री को सत्ता से बेदखल करना चाहते हैं. इनका प्रधानमंत्री राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ झगड़ने में व्यस्त है. ऐसे में राज्यों का क्या खाक विकास होगा.
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भाजपा को विपक्ष की कुर्सी चुभ रही है
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा को विपक्ष की कुर्सी चुभ रही है. यही वजह है कि सरकार को सत्र आहूत करना पड़ा है. विपक्ष के साथियों ने लोकतांत्रिक देश में तंत्र को खत्म कर दिया है. सिर्फ लोक बचने दिया है. इन व्यापारियों की जमात ने पूरे देश को अस्त व्यस्त कर रखा है. विपक्षी दलों से राजनीति से नहीं पार पा रहे तो संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर सरकारों को बदनाम करने और उन्हें गिराने लगे हैं. हम हाउस के बाहर और अंदर दोनों जगह इन्हें अपनी ताकत दिखा रहे हैं.
सीएम ने पीएम को भी नहीं बख्शा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी हेमंत सोरेन ने नहीं बख्शा. न खाएंगे और न खाने देंगे का नारा देने वाले इनके आलाकमान किसी का साथ नहीं देते. किसी को साथ लेकर नहीं चलते. सिर्फ व्यापारियों की मदद के लिए पूरे देश को ताक पर रख दिया है. 2014 से राज्यों की दुर्गति कर रखी है. जब राजनीतिक तौर पर नहीं सक रहे तो संवैधानिक संस्थाओं को गैर भाजपा शासित राज्यों में भेजकर उन्हें डिस्टर्ब कर रहे हैं.
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और राज्यपाल पिछले दरवाजे से दिल्ली निकल जाते हैं
सीएम ने कहा कि 25 अगस्त से राज्य में इलेक्शन कमीशन और राज्यपाल के द्वारा अजीब सा वातावरण तैयार किया जा रहा है. इलेक्शन कमीशन कहता है राज्यपाल को मंतव्य दे दिया, लेकिन राज्यपाल चुप हो जाते हैं. यूपीए विधायकों को 2-3 दिन में सब क्लीयर करने की बात कहते हैं और फिर राजभवन के पिछले दरवाजे से दिल्ली निकल जाते हैं.
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