इमरजेंसी के लिए ऑक्सीजन स्टॉक करने वालों की वजह से बढ़ा पैनिक
ऑक्सीजन सिलेंडर और अस्पतालों में बेड के लिए फोन आने हुए कम
Ranchi: राज्य में बढ़े कोरोना संक्रमण के दौरान लोगों की मदद के लिए राजनीति दल कोविड हेल्पलाइन चला रहे हैं. पार्टियों से जुड़े डॉक्टर, सक्रिय पदाधिकारी और कार्यकर्ता इस आपदा की घड़ी में राजनीति बातें छोड़कर 24 घंटे लोगों को राहत पहुंचाने में लगे हैं. पार्टियों ने जिन कार्यकर्ताओं के नंबर जारी किये हैं. उन्हें हर रोज सैकड़ों कॉल आ रहे हैं, लेकिन राहत की बात यह है कि धीरे-धीरे कॉल की संख्या घटती जा रही है. 20 अप्रैल से 30 अप्रैल तक जहां एक कार्यकर्ता को ऑक्सीजन सिलेंडर, अस्पतालों में बेड और रेमेडिसिवर दिलवाने के लिए दिनभर में 400 कॉल आ रहे थे. वहीं इस सप्ताह इसकी संख्या घटकर 200 हो गई है. परामर्श के लिए पहले जहां एक डॉक्टर को दिनभर में 200 से ज्यादा फोन आते थे वहीं अब इसकी संख्या घटकर 100 पहुंच गई है.
पैनिक वाली स्थिति कम हुई है
बीजेपी और कांग्रेस राज्य के सभी जिलों में कोविड हेल्पलाइन चला रही है. 4 से 6 लोगों की टीम इस हेल्पलाइन के माध्यम से कोरोना संक्रमित मरीज और उनके परिजनों की मदद कर रहे हैं. हेल्पलाइन के जरिये लोगों की मदद कर रहे कार्यकर्ताओं के मुताबिक अब पैनिक वाली स्थिति कम हो गई है.
पहले आ रहे थे हर रोज 500 कॉल, अब 300 से कम फोन आ रहे
रांची के बीजेपी नेता सूर्यप्रभात का कहना है कि जब राज्य में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा था. उस वक्त हर रोज 500 से ज्यादा फोन उन्हें आ रहे थे. ऐसे लोग भी अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन सिलेंडर दिलवाने का आग्रह कर रहे थे जिनकी हालत गंभीर नहीं थी. लोग इमरजेंसी के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर स्टोर करना चाहते थे. वहीं अस्पतालों में बेड फुल होता देख होम आइसोलेशन में ठीक होने वाले कोरोना संक्रमित मरीज भी अस्पताल में भर्ती होना चाह रहे थे. 70 फीसदी से ज्यादा ऐसे मरीज और उनके परिजनों का फोन आ रहा था. जिन्हें अस्पताल और ऑक्सीजन की जरूरत नहीं थी. ऐसे लोगों की काउंसिलिंग की गई. उन्हें बताया गया कि ऑक्सीजन सिलेंडर से ज्यादा स्वास्थ्य को सुधारने की दिशा में कोशिश करें. विटामिन, प्रोटीन और बताई गई दवाइयों का सेवन करें.
जरूरत नहीं फिर भी लोग स्टोर करना चाहते हैं ऑक्सीजन सिलेंडर
सूर्यप्रभात ने बताया कि उनके पास आने वाले 500 कॉलर में महज 20 से 25 लोगों को ही सही मायने में ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, रेमेडिसिवर और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत थी. ऐसे लोगों को रिम्स, सदर अस्पताल और दूसरे अस्पतालों से संपर्क कर भर्ती कराया गया. अब धीरे-धीरे हल्के लक्षण वाले मरीजों के फोन आने कम हो गये हैं. ऑक्सीजन सिलेंडर और अस्पताल में भर्ती होने के लिए आने वाले फोन भी 50 फीसदी घट गये हैं. अब लोग धीरे-धीरे होम आइसोलेशन में ठीक होने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 5 दिन पहले तक सांस लेने की फुरसत नहीं थी, लेकिन धीरे-धीरे फोन आना कम हो रहा है. जिन लोगों की मदद की वे मैसेज या फोन कर शुक्रिया भी अदा कर रहे हैं.
डॉक्टरों के पास परामर्श के लिए कम आने लगा है गंभीर मरीजों का फोन
20 अप्रैल से बीजेपी के डॉ तुषार आर्य भी कोविड हेल्पलाइन के जरिये मरीजों को परामर्श दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि 24 घंटे उनके पास लोगों के फोन आ रहे हैं. मरीजों की हालत को देखते हुए उन्हें दवाई और अन्य चीजों की सलाह दे रहे हैं. कई लोग ऑक्सीजन, बेड और एंबुलेंस उपलब्ध कराने के लिए भी फोन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 3-4 दिन में हालात कुछ सुधरे हैं. पहले हर दिन उनके पास 200 से ज्यादा फोन आते थे, लेकिन कुछ दिन में 100 से कम फोन आ रहे हैं. सीरियस मरीजों के स्वास्थ्य संबंधी सलाह की जानकारी लेने के लिए आने वाले फोन भी 50 फीसदी से कम हो गये हैं.
कांग्रेस के हेल्पलाइन में भी कम हुआ मरीजों का फोन आना
रांची के प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय समेत सभी जिलों में भी कोविड हेल्पलाइन चल रहा है. रांची में कोविड हेल्पलाइन की पूरी व्यवस्था डॉ पी नैयर संभाल रहे हैं. उन्होंने बताया कि 21 अप्रैल से कोविड हेल्पलाइन शुरू किया गया है. रजिस्टर मेंटेन भी किया जा रहा है. अबतक 300 से ज्यादा लोगों के फोन आये हैं. इनमें से 90 फीसदी मरीजों को अस्पतालों में बेड, वेंटीलेटर और ऑक्सीजन उपलब्ध कराया गया है. फोन आने के बाद मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के बाद उनका फॉलोअप भी किया जाता है. डॉ नैयर ने कहा कि पहले हर दिन 50 से ज्यादा फोन आ रहे थे, लेकिन पिछले 4-5 दिन में कम फोन आये हैं. अब हर रोज 20 से 25 लोगों के फोन आ रहे हैं.