New Delhi : प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में आपातकाल के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पारित प्रस्ताव की जानकारी दी.
Resolution by the Union Cabinet on the observance of 50 years since the Proclamation of Emergency | The Union Cabinet, chaired by Prime Minister Narendra Modi, resolved to commemorate and honour the sacrifices of countless individuals who valiantly resisted the Emergency and its… pic.twitter.com/zJpoY0jght
— ANI (@ANI) June 25, 2025
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उन अनगिनत व्यक्तियों के बलिदान को याद करने और सम्मानित करने का संकल्प लिया, जिन्होंने बहादुरी से आपातकाल का विरोध किया था. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आपातकाल में भारतीय संविधान की भावना को तहस-नहस करने की कोशिश की गयी थी. एक तोड़फोड़ जो 1974 में नव निर्माण आंदोलन और संपूर्ण क्रांति अभियान को कुचलने के भारी प्रयास के साथ शुरू हुई थी.
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस अवसर को चिह्नित करने के लिए, केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज की बैठक में उन लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया, जिनके संवैधानिक रूप से गारंटीकृत लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिये गये थे. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आपातकाल की ज्यादतियों के प्रति उनके अनुकरणीय साहस और बहादुर प्रतिरोध को श्रद्धांजलि दी.
उन्होंने कहा कि आज 25 जून(2025) को संविधान हत्या दिवस के 50 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं, जो भारत के इतिहास का एक अविस्मरणीय अध्याय है, जिसमें संविधान को नष्ट कर दिया गया और भारत के गणतंत्र और लोकतांत्रिक भावना पर हमला किया गया.
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आपातकाल में संघवाद को कमजोर किया गया और मौलिक अधिकारों, मानवीय स्वतंत्रता और गरिमा को निलंबित कर दिया गया. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पुष्टि की कि भारत के लोग भारतीय संविधान और देश के लोकतांत्रिक लोकाचार की दृढ़ता में अटूट विश्वास रखते हैं.
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि युवाओं के लिए जितना महत्वपूर्ण है, बुजुर्गों के लिए उन लोगों से प्रेरणा लेना उतना ही महत्वपूर्ण है, जिन्होंने तानाशाही प्रवृत्तियों का विरोध किया और हमारे संविधान और इसके लोकतांत्रिक ताने-बाने की रक्षा के लिए दृढ़ता से खड़े रहे.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पारित प्रस्ताव में कहा कि लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत संवैधानिक मूल्यों के संरक्षण, सुरक्षा और सुरक्षा का एक उदाहरण है. कहा कि आइए हम एक राष्ट्र के रूप में अपने संविधान और इसकी लोकतांत्रिक और संघीय भावना को बनाए रखने के अपने संकल्प को नवीनीकृत करें.
कैबिनेट की बैठक में तीन महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर भी मुहर लगाई गयी. पुणे में मेट्रो विस्तार के लिए 3626 करोड़ की लागत वाली मेट्रो लाइन 2 को कैबिनेट की मंजूरी दी गयी. झरिया कोल्फील्ड पुनर्वास के लिए 5940 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गयी.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष मिशन की सफलता पर कैबिनेट ने दी बधाई. पीएम मोदी ने ही मिशन लांच की कैबिनेट को दी जानकारी दी. पीएम ने कहा आज बड़ा दिन है, यह बड़ी उपलब्धि है.