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समृद्धि बिल्डर समेत 29 लोगों की जमीन जमाबंदी रद्द करने सहित 535 मामले लंबित हैं रांची DC के कोर्ट में

Ranchi : रांची राजधानी बनने के बाद जिले में भूमि विवाद के कारण कई आपराधिक घटनाएं घट चुकी हैं. भूमि विवाद से जुड़े मामले कोर्ट में लंबित होने से प्रभावशाली लोग भूमि पर अवैध कब्जा और निर्माण के मामले काफी बढ़े हैं. सबसे अधिक मामले जिले के राजस्व न्यायालय में लंबित हैं. कई मामलों में विभाग ने उपायुक्त रांची को ही कार्रवाई करने को कहा है. इसके बाद भी वे मामले लटके हुए हैं. जिला उपायुक्त न्यायालय में 553 मामले लंबित हैं. वहीं अपर समाहर्ता के न्यायालाय में 964 मामले लंबित हैं. इनमें अधिकतर मामले सरकारी और आदिवासी भूमि से जुड़े हुए हैं. वहीं दूसरी ओर मामले न्यायालय में लंबित होने के बाद भी भूमि संबंधी विवाद में इजाफा ही हो रहा है. न्यायलाय में लंबित मामले में भी बिना जजमेंट के ही चहारदीवारी निर्माण से लेकर बलपूर्वक अवैध कब्जे जैसी घटनाएं आम हो गयी हैं. इसे भी पढ़ें- होमगार्ड">https://lagatar.in/recovery-of-one-thousand-rupees-each-from-200-home-guard-jawans-watch-video/">होमगार्ड

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मामले का जल्द निपटारे की पहल करें उपायुक्त: प्रमंडलीय आयुक्त

रांची जिले में उपायुक्त और अपर समाहर्ता के न्यायालय में क्रमश: 535 और 964 मामले लंबित हैं. इनके तेजी से निपटारे के लिए जिला में पदस्थापित अपर समाहर्ता, भू-हदबंदी, अपर समाहर्ता विधि व्यवस्था और अपर समाहर्ता नक्सल को भी सुनवाई के लिए केस आवंटित कर लंबित मामलों की संख्या घटायी जा सकती है. इस संबंध में प्रमंडलीय आयुक्त ने रांची उपायुक्त को पहल करने का निर्देश दिया गया है. इसे भी पढ़ें- नेशनल">https://lagatar.in/accused-national-games-scam-absconding-death-chief-engineer-fearing-arrest/">नेशनल

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कई चर्चित मामले कोर्ट में लटके हैं

कई चर्चित मामले भी उपायुक्त न्यायालय में लंबित हैं. कुछ मामलों में विभाग की ओर से भी कार्रवाई करने को कहा गया था, लेकिन वह आज भी लंबित है. रांची के चर्चित तीन मामले हैं.
  1. पहला मामला है समृद्धि बिल्डर का. हरमू रोड से कटहल मोड़ (चापू टोली चौक) के रास्ते पर स्थित अरगोड़ा मौजा स्थित खाता संख्या 440 का मामला भी उपायुक्त न्यायलाय में लंबित है. यह भूखंड खतियान में रैयत गोंदल उरांव और अन्य के रूप में दर्ज है. रोक के बाद भी इस भूखंड पर समृद्धि बिल्डर द्वारा बहुमंजिली इमारत का निर्माण किया जा रहा है. यह मामला विधानसभा तक भी पहुंचा. प्राप्त सूचना के अनुसार उपायुक्त रांची के न्यायलय में लंबित है.
  2. पूर्व डीजीपी डीके पांडेय की पत्नी समेत 29 लोगों की जमीन की जमाबंदी रद्द करने की प्रक्रिया भी लंबित है. सरकारी भूमि की गलत तरीके से जमांबदी करके रैयती बनाने का मामला कांके अंचल के चामा मौजा में किया गया था. विभाग की ओर से कांके अंचल के हल्का-03 ,मौजा चामा, खाता संख्या 87 और प्लॉट संख्या 1232 में पूर्व डीजीपी डीके पांडेय की पत्नी पूनम पांडेय सहित 29 लोगों ने अपने नाम पर सरकारी भूमि का म्यूटेशन कराया था. इस पूरे मामले में भू-राजस्व विभाग ने भी जमाबंदी निरस्त करने और दोषी सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध प्रपत्र- क गठित कर कार्रवाई करने को कहा है.
  3. जेपी पार्क का मामला भी लंबित है. रांची-गुमला हाईवे पर डीएवी के पास जेपी उद्यान हुआ करता था. इसकी देख-रेख वन विभाग द्वारा की जाती थी, पर यह उद्यान अपनी जगह से लापता हो गया है. डीएवी स्कूल के समीप जेपी उद्यान की आधारशिला 1978 -79 में रखी गयी थी. यह उद्यान 7.8 एकड़ में फैला हुआ था. उद्यान बजरा मौजा के खाता न.113 में बना हुआ था. उस दौरान रांची के लोग पिकनिक मनाने के लिए जेपी उद्यान जाया करते थे. विभाग की ओर से रांची उपायुक्त को पत्र लिखकर जांच करने को कहा गया था. इस संबंध में विभागीय पत्रांक 2164, स्मार पत्रांक 3046 , स्मार पत्रांक 4071 के जरिये उपायुक्त को स्मारित भी कराया गया. मिली जानकारी के अनुसार मामला आज भी लंबित है.
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