Ranchi : अयोध्या में 500 साल बाद भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई. यह दिन सनातनियों के लिए, खासकर उन महिलाओं के लिए विशेष रहा, जिन्होंने 22 जनवरी को बच्चों को जन्म दिया. झारखंड के रांची में रात 12 बजे से दिन के दो बजे तक 27 बच्चों का जन्म सरकारी अस्पताल में हुआ. इसमें रिम्स में 11 और सदर अस्पताल में 16 बच्चों का जन्म हुआ. प्रदेशभर में इस समय के दौरान 91 बच्चों के जन्म लेने की सूचना आयी. इसमें 40 बच्चों का जन्म नॉर्मल हुआ. इन बच्चों को जन्म देने वाली माताएं बुहुतर खुश थी कि श्री राम के साथ-साथ उनके घर में भी भगवान के रूप में बच्चे का जन्म हुआ है. भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा सबसे अच्छे मुहूर्त में हुआ. इस दिन बच्चे को जन्म देने वाली माताएं भी खुद को स्वभाग्यशाली मान रही हैं. वे कह रही हैं कि अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन ही बच्चे को जन्म देकर, वे माता कौश्लया जैसी भाग्यशाली माता कहलाएंगी.
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22 को डिलिवरी के लिए कई महिलाओं ने किया था आग्रह
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ ऐके खेतान ने बताया कि 22 जनवरी को बच्चे का जन्म हो, इसके लिए कई महिलाएं पहले से ही अस्पताल के संपर्क में थी. महिलाओं ने अपने डॉक्टरों से आग्रह किया था कि वे डिलिवरी 22 जनवरी को ही कराना चाहती हैं. कई महिलाओं ने तिथि भी तय कर रखा था. प्रदेशभर में जिन बच्चों का जन्म हुआ, उनकी संख्या तकरीबन 91 बताई जा रही है. यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है. अस्पतालों से आंकड़ा एकत्र किया जा रहा है.
रिम्स की स्त्री रोग विशेष डॉ. किरण त्रिवेदी के अनुसार, दर्जनों महिलाओं ने सोमवार को बच्चे को जन्म देने का दबाव दिया था. लेकिन जांच आदि के बाद छह महिलाओं को एडमिट कराया गया था. सामान्य दिनों में करीब 15 गर्भवतियों की डिलीवरी हर दिन होती है. ऐसे में रिम्स में रात 12 बजे से दिन के दो बजे तक 11 बच्चों ने जन्म लिया. जो सभी स्वस्थ्य हैं. उनके परिजनों द्वारा अस्पताल परिसर में मिठाई आदि का वितरण भी किया गया.
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