Ranchi : मुस्लिम समुदायों ने जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी के अवसर जुलूस निकाली. यह जुलूस एदारा-ए-शरिया झारखंड व सुन्नी बरैलवी सेंट्रल कमिटी के तत्वावधान मे आयोजित हुआ. मुहम्मद पैगम्बर के 1500 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में जुलूस का आयोजन हुआ.
इसमें मोरहाबादी, उलातू, आजाद बस्ती, कुरैशी मुहल्ला, पुंदाग, कडरु, हरमू, गाड़ी खाना, कुम्हार टोली, पुरानी हिन्दपीढ़ी समेत अन्य स्थानों से हजारों लोग शामिल हुए. सभी जुलूस मेन रोड, चर्च कम्प्लेक्स, सुजाता चौक, राजेन्द्र चौक, डोरंडा चौक होते हुए डोरंडा रेसालदार बाबा दरगाह उर्स मैदान पहुंचे. यहां पर सभी बाबा के दरबार पर देश और घर परिवार की खुशहाली की दुआ की गई.
बाईक रैली और पैदल मार्च करते हुए जुलूस में हुए शामिल
मोरहाबादी, गाड़ी खाना चौक समेत अन्य इलाके से हजारों लोगों ने बाईक और पैदल मार्च करते हुए जुलूस के शक्ल में पहुंचे. सभी हाथों में पांरपरिक और तिरंगा झंडे लिए हुए जुलूस में शामिल थे. सभी लोग रिसालदर बाबा के दरबार की ओर बढ़ती रही.
जुलूस के स्वागत के लिए दर्नजों पंडाल बनाए गए थे. जहां से जुलूस में शामिल लोगों के बीच शरबत, बुंदिया, खीर फल, शुद्ध जल वितरण कर स्वागत किया गया.
रिसालदार बाबा के दरबार पर कव्वाली का आयोजन
जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी के मौके पर मस्जिदों में नमाज अदा की गई. सभी वेशभूषा में शामिल होकर कव्वाली के गीतों से आगे बढ़ते गए. मशहूर कव्वाल इलियास काजी ने रिसालदार दरगाह में ऐसा जादू बिखेरा कि पूरा माहौल सूफियाना रंग में बदल गया.
हारमोनियम पर सैगर अली और अरहान खान ने सुरों का साथ दिया, जबकि ढोलक पर नियाजुल खान, तबले पर लक्की खान और ओक्टोपैड पर सरताज खान की थाप ने समां बांध दिया. कव्वाली की गूंज से पूरा रिसालदार बाबा के दरगाह का आंगन गुलजार हो गया.
आयोजन समिति के सदस्य मुहम्मद समीउल्लाह कादरी ने बताया कि यह कव्वाली कार्यक्रम हर साल आयोजित होता है और इसका मकसद अमन, चैन और भाईचारे का संदेश फैलाना है.
Leave a Comment