SAURAV SINGH
Ranchi : झारखंड के निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) लगातार शिकंजा कस रहा है. पूर्व में एक प्रभावशाली अधिकारी के रूप में जाने जाने वाले चौबे के खिलाफ कई अनियमितताएं सामने आई हैं, जिसके बाद एसीबी ने उनके खिलाफ अलग-अलग मामलों में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. वर्तमान में दो मामलों में उनके खिलाफ जांच जारी है और एक अन्य मामले में सरकार से अनुमति मिलने के बाद जांच शुरू हो जाएगी.
जानें किन-किन मामलों में एसीबी कर रही जांच
हजारीबाग खासमहल भूमि घोटाला :
हजारीबाग जिले में एक बड़ा खासमहल भूमि घोटाला सामने आया है, जिसमें एसीबी की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इस मामले में तत्कालीन हजारीबाग डीसी विनय कुमार चौबे सहित कई अधिकारियों और निजी व्यक्तियों पर खासमहल और ट्रस्ट को आवंटित भूमि के अवैध हस्तांतरण का आरोप है. यह घोटाला हजारीबाग की 2.75 एकड़ खासमहल भूमि से संबंधित है, जिसे 1948 में 30 वर्षों के लिए एक ट्रस्ट 'सेवायत' को लीज पर दिया गया था. यह लीज 1978 में समाप्त हो गई थी और 2008 तक इसका नवीकरण किया गया. हालांकि, 2008 से 2010 के बीच एक सुनियोजित प्रशासनिक षड्यंत्र के तहत इस भूमि को सरकारी भूमि घोषित कर 23 निजी व्यक्तियों को आवंटित कर दिया गया. आरोप है कि इस षड्यंत्र के केंद्र में तत्कालीन डीसी हजारीबाग विनय कुमार चौबे थे. उन पर आरोप है कि उन्होंने खासमहल पदाधिकारी के साथ मिलकर लीज नवीनीकरण के लिए दिए गए आवेदन से "सेवायत" शब्द जानबूझकर हटवाया. ऐसा इसलिए किया गया ताकि ट्रस्ट की भूमि को सरकारी दिखाया जा सके और उसका अवैध रूप से हस्तांतरण संभव हो सके. एसीबी ने अब इस घोटाले में नामजद अधिकारियों और लाभार्थियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने की संस्तुति के साथ फाइल राज्य सरकार को भेज दी थी.
शराब घोटाला मामला :
शराब घोटाला मामले में एसीबी ने विनय कुमार चौबे को 20 मई को गिरफ्तार किया था. उनकी गिरफ्तारी के बाद सरकार ने कहा है कि गिरफ्तार आईएएस अधिकारी भ्रष्ट आचरण में लिप्त थे. उन्होंने शराब बिक्री के लिए एजेंसियों के चयन में नियमों का पालन नहीं किया. सरकार के अनुसार, विनय कुमार चौबे के धोखाधड़ी वाले कृत्यों से राज्य के खजाने को 38 करोड़ रूपया का नुकसान हुआ था. यह कांड अपने पद का दुरुपयोग करते हुए प्लेसमेंट एजेंसियों का चयन कर, तय प्रक्रिया एवं प्रावधानों का पालन किए बिना, आपराधिक मिलीभगत से सरकार के साथ जालसाजी और धोखाधड़ी का परिणाम था. इसमें सामूहिक अपराध किया गया और अनैतिक तरीके से लोगों को लाभ पहुंचाया गया, जिससे झारखंड सरकार को 38 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है.
आय से अधिक संपत्ति का मामला :
एसीबी की टीम विनय चौबे और उनके करीबियों की आय से अधिक संपत्ति की भी जांच कर रही है. शराब घोटाले की जांच के दौरान एसीबी को अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित करने के संबंध में सबूत मिले थे. इन सबूतों के आधार पर एसीबी ने चौबे और उनके करीबियों की आय से अधिक संपत्ति की जांच के लिए प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज करने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे 6 जून को राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी थी. शुरुआती जांच के दौरान एसीबी को जानकारी मिली कि विनय चौबे के करीबियों के नाम पर पांच प्रॉपर्टी है. इसके अलावा, उनके नाम पर तीन कंपनियां भी है. जांच के दौरान संपत्ति में निवेश और कुछ लोगों के बीच लेनदेन होने की जानकारी भी एसीबी को मिली है. एसीबी द्वारा मामले में आरंभिक जांच के बाद सरकार को एक रिपोर्ट भेजकर संपत्ति के संबंध में खुले तौर पर जांच के लिए सरकार से पीई दर्ज करने की अनुमति मांगी गई थी.