तिर्की और पंकज मिश्रा मामले पर विधायक दीपिका के बेबाक बोल, कहा- आरोप लगने पर व्यक्ति को संयमित रहना चाहिए
दोषी इंजीनियरों के खिलाफ प्रपत्र-क गठित कर कार्रवाई का था आदेश
स्वर्णरेखा परियोजना के तहत खेतों में पानी पहुंचाने के लिए काशिदा में वर्ष 2006-07 में कलसी बिल्डकॉम रांची की ओर से ओआर 35 व 11 माइनर का निर्माण और मिट्टी का काम किया गया था. लेकिन कुछ ही जगहों पर आधारभूत संरचना का निर्माण किया गया. जांच में टीम ने पाया है कि जमीन पर कम काम कर अधिक राशि का भुगतान ले लिया गया था. उपयोगिता प्रमाण देने के समय काम से ज्यादा भुगतान को लेकर महालेखाकार ने आपत्ति जतायी थी. तब जांच में कैनाल व माइनर्स के निर्माण में गड़बड़ी की पुष्टि हुई थी. जिसके बाद दोषी इंजीनियरों के विरुदृध प्रपत्र-क गठित करने का आदेश दिया था. मगर अबतक किसी भी दोषी इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है. कई दोषी इंजीनियर सेवानिवृत भी हो गए हैं.एजेंसी ने कोर्ट से वापस ले लिया था मामला
रघुवर सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2018 में यह मामला तब उठा, जब काम करने वाली एजेंसी बिल भुगतान के लिए न्यायालय में गयी. हालांकि सरकार द्वारा जांच कराने व उचित कार्रवाई के आश्वासन के बाद एजेंसी ने कोर्ट से केस वापस ले लिया था.इन आरोपी इंजीनियरों के खिलाफ प्रपत्र-क गठित कर कार्रवाई का था आदेश
नाम | पदनाम |
हेमंत कुमार | तत्कालिन कार्यपालक अभियंता |
रमेश कुमार सिंह | कार्यपालक अभियंता, सेवानिवृत |
मो. सरफराज | कार्यपालक अभियंता, सेवानिवृत |
अशोक कुमार दास | तत्कालिन सहायक अभियंता |
गोपाल जी | तत्कालिन सहायक अभियंता |
शीतल प्रसाद सिंह | कनीय अभियंता, सेवानिवृत |
भरत प्रसाद ठाकुर | कनीय अभियंता, सेवानिवृत |
अनिल कुमार सिंह | तत्कालीन कनीय अभियंता |
लक्ष्मी नारायण पाठक | कनीय अभियंता सेवानिवृत |
दयानंद सिंह | कनीय अभियंता सेवानिवृत |
जय प्रकाश सिंह | तत्कालीन कनीय अभियंता |
अंजनी कुमार | तत्कालीन कनीय अभियंता |
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