Adityapur (Sanjeev Mehta) : गम्हरिया के सीओ मनोज कुमार पर अतिक्रमण हटाने में विफल रहने और उनकी ढीली-ढाली कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. एक आरटीआई कार्यकर्ता सेवानिवृत्त प्रो. एसके महतो ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर खानापूर्ति का आरोप लगाते हुए सीओ समेत डीसी, और मुख्य सचिव को पत्र लिखा है.
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पत्र में लिखी बाते
पत्र में लिखा है कि आपके द्वारा दिनांक 1.6.2023 (गुरुवार) को “मंगलम सिटी” गम्हरिया में जो सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई की गई उसमें सिर्फ बाउंड्रीवॉल एवं मुख्य गेट पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर से कार्रवाई को अधूरी रखी गई है. इसके प्रमोटर्स एवं डेवलपर बिल्डर सौरभ अग्रवाल ने सरकार की कुल दो एकड़ से अधिक जमीन/संपत्ति (तालाब, वन भूमि एवम जी एवं लैंड इत्यादि) पर लगभग 15 वर्षों से अतिक्रमण कर कब्ज़ा कर रखा है. इसे पूर्ण रुप से ध्वस्त अतिक्रमण मुक्त कराना अनिवार्य है. यह अभियान रुकना नहीं चाहिए था. न्यायालय जाने के पूर्व अतिक्रमण को पूरी तरह से ध्वस्त कर सरकारी जमीन एवं तालाब को कृपया अतिशीघ्र अतिक्रमण से मुक्त कराना चाहेगें.
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बुल्डोजर चलना अतिआवश्यक है
उन्होंने पत्र में लिखा है कि सौरभ अग्रवाल द्वारा शेरे पंजाब चौक आदित्यपुर स्थित स्थानीय “महतो” जाति के कई तालाबों (जो सीएनटी एक्ट के अंतर्गत की प्रतिबंधित जमीन है) को भरवाकर उनपर कई बहुमंजिली ईमारतों का निर्माण कराया है और “सिटी रेसीडेंसी” नामक एक बड़ा परिसर का निर्माण कराया है और अभी भी लगभग 2 एकड़ तालाब की जमीन (जिसपर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश से निर्माण प्रतिबंधित है) को भरवा कर उसपर G+15 फ्लोर का एक बडे़ मॉल के निर्माण कराने का कार्य प्रक्रिया में है. इसकी शिकायत मैंने जिला प्रशासन से की है. इन सभी पर भी बुल्डोजर चलना अतिआवश्यक है.
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बुल्डोजर चलाकर इन्हे भी ध्वस्त किया जाए – एसके महतो
इस परिसर में निर्मित सभी बहुमंजिली इमारत का भवन प्लान तत्कालीन आयडा प्रबंध निदेशक वंदना दाडेल द्वारा पूर्व में ही रद्द किया जा चुका है, फिर भी निर्माण वैध कैसे हो सकता है? अतः बिल्डर को कृपया नोटिस देकर शीघ्र इनपर बुल्डोजर चलाकर इन्हे भी ध्वस्त करें. इसके अतिरिक्त दिंदली आदित्यपुर में 7.5 एकड़ के तालाब को भरकर सीएनटी एक्ट की प्रतिबंधित जमीन पर मेसर्स संध्या शंभू एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा निर्मित एवं स्थापित श्रीनाथ विश्वविद्यालय के विरुद्ध भी विधि सम्मत कार्रवाई करते हुए कृपया शीघ्र ध्वस्त करने की कार्रवाई करना चाहेगें.
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