Adityapur (Sanjeev Mehta) : नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के लोगों ने पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने का स्वागत किया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आभार प्रकट करने सरायकेला खरसावां जिला से हजारों की संख्या में एनपीएस कर्मी “आभार रैली” में रांची जाने की तैयारी कर रहे हैं. जिला संयोजक अमित कुमार महतो ने पुरानी पेंशन में कर्मचारियों को होने वाले फायदे गिनाते हुए कहा कि पुरानी पेंशन से कर्मचारियों का भविष्य अब सुरक्षित है. क्योंकि पुरानी पेंशन में सरकारी कर्मी अपने अंतिम वेतन के 50% पेंशन के रूप में आजीवन प्राप्त करते रहेंगे एवं कर्मी के देहांत हो जाने के बाद उनके आश्रितों को भी आजीवन पुरानी पेंशन मिलेगी.
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पुराने पेंशन स्कीम में बेसिक में होती है वृद्धि
वहीं नई पेंशन स्कीम में इस तरह का कोई निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं है. नई पेंशन व्यवस्था में कर्मी की मृत्यु हो जाने के बाद उनके वेतन से काटे गए सारे राशि को सरकार अपने पास जब्त कर रख लेती थी. पुरानी पेंशन व्यवस्था में कर्मचारी को समय-समय पर पे-कमीशन के अनुरूप पेंशन के बेसिक में वृद्धि होती है. महंगाई भत्ता के साथ पेंशन का भुगतान किया जाता है. जबकि नई पेंशन व्यवस्था में एक बार पेंशन फिक्स हो जाने के बाद जीवन भर पेंशन में कभी वृद्धि नहीं होती है. पुरानी पेंशन व्यवस्था एक निश्चित पेंशन व्यवस्था प्रणाली है, जबकि नई पेंशन व्यवस्था एक शेयर मार्केट आधारित प्रणाली है. जिसमें कर्मचारी का किसी भी तरह के पेंशन की निश्चितता नहीं है.
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नई पेंशन नीति में कर्मचारियों को भविष्य की चिंता हमेशा बनी रहती थी
इसका दुष्परिणाम देखा गया है कि कर्मचारी का अंतिम वेतन 70,000 था परंतु एनपीएस से उनको केवल 700 रूपया पेंशन के रूप में मिलता है. पुरानी पेंशन व्यवस्था में पेंशन के लिए के लिए कर्मचारियों से किसी भी तरह का राशि की कटौती नहीं की जाती है. जबकि नई पेंशन व्यवस्था में कर्मचारी को प्रतिमाह अपने वेतन से 10% की कटौती की जाती है. पुरानी पेंशन व्यवस्था कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती है एवं अपने भविष्य की चिंता से मुक्त होकर जीवन जीने का अवसर प्रदान करती है, वहीं नई पेंशन व्यवस्था में कर्मचारियों के भविष्य की चिंता हमेशा बनी रहती थी है जिसका प्रतिकूल प्रभाव उनका व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन पर भी पड़ता है.