Adityapur (Sanjeev Mehta) : आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया और पंचमी तिथि को मां विपद्तारिणी की पूजा बंगाली समुदाय की महिलाएं धूमधाम और श्रद्धाभाव से करती हैं. मंगलवार को आदित्यपुर के विभिन्न काली, दुर्गा व अन्नपूर्णा देवी के मंदिरों में मां विपद्तारिणी की पूजा हुई. मान्यता है कि मां विपद्तारिणी की पूजा से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. आदित्यपुर एवं आसपास के इलाकों में भी मंगलवार को मां की पूजा बड़े धूमधाम से की गई. मां विपद्तारिणी को दुर्गा का ही एक रूप माना जाता है. इस मौके पर महिलाएं पूरे विधि–विधान से मां की पूजा करती हैं और सुख–समृद्धि की कामना करती हैं.
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पिछले दो साल से कोरोना के कारण मां विपद्तारिणी पूजा का आयोजन नहीं हो पा रही थी. इस साल कोरोना का प्रभाव थमते ही धूमधाम से मां विपद्तारिणी की पूजा की जा रही है. हर वर्ष रथ पूजा के बाद पड़ने वाले पहले मंगलवार और शनिवार को मां विपद्तारिणी की पूजा का आयोजन किया जाता है. महामारी का प्रकोप कम होते ही धूमधाम से विभिन्न देवी स्थानों पर मां की पूजा संपन्न हुई जहां महिला श्रद्धालुओं ने निर्जला उपवास रखकर 13 प्रकार के फलों को चढ़ा कर भगवान से अपने परिवार के सदस्यों व सगे–संबंधियों के सुख-समृद्धि की कामना की.
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