Adityapur (Sanjeev Mehta) : गजिया बराज से सम्बद्ध संजय नदी पर सुवर्णरेखा परियोजना के तहत केनाल खुदाई का आदिवासी संगठन विरोध कर रहे है. विभिन्न आदिवासी संगठन आठ जुलाई को डीसी कार्यालय के समक्ष विशाल धरना-प्रदर्शन करेगा. बुधवार को संजय नदी पर असंवैधानिक रूप से बांध परियोजना एवं दोनों छोरों से कई किलोमीटर लंबाई तक केनाल की खुदाई व सौंदर्यीकरण के विरोध में आदिवासी-मूलवासी भूमि रक्षा पार्टी समेत अन्य आदिवासी संगठनों ने विरोध दर्ज कराया. इसकी जानकारी एक प्रेस वार्ता के माध्यम से खुचीडीह के ग्राम प्रधान सह मांझी बाबा वीरधान मांझी व आदिवासी मूलवासी रक्षा पार्टी के अध्यक्ष सह मुख्य सलाहकार संग्राम मार्डी ने दी है.
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शांतिपूर्ण जुलूस भी निकाला जाएगा
उन्होंने बताया कि सौंदर्यीकरण से प्रभावित हुए क्षेत्र के ग्रामीण व आदिवासी मूलवासी विभिन्न सामाजिक संगठनों और सैकड़ों की संख्या में महिला एवं पुरुष अपने परंपरागत तीर-धनुष के साथ शांतिपूर्ण जुलूस निकाल कर डीसी कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करेंगे. धरना-प्रदर्शन के पश्चात डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति, राज्यपाल और प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन प्रेषित किया जाएगा.
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सरकार क्षेत्र में बिना ग्राम सभा किए धरातल पर कार्य करना प्रारंभ कर देती है : संग्राम मार्डी
इस दौरान भूमि रक्षा पार्टी के अध्यक्ष संग्राम मार्डी ने बताया कि यह जिला आदिवासी मूलवासी बहुल क्षेत्र है . इस क्षेत्र में किसी भी स्तर के भूभाग पर उसी मौजा के लोगों का सर्वप्रथम अधिकार बनता है. राज्य या केंद्र सरकार विकास के नाम पर आदिवासी मूलवासी व खुटकांटी निवासियों की संप्रभुता पर सीधे तरीके से उल्लंघन करते हुए क्षेत्र में बिना ग्राम सभा किए धरातल पर कार्य करना प्रारंभ कर देती है. इसका जोरदार विरोध किया जाएगा.
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