Ranchi: रांची सिविल कोर्ट ने अधिवक्ता सह झारखंड स्टेट बार काउन्सिल की सदस्य रिंकू भगत को अग्रिम जमानत दे दी है. अधिवक्ता रिंकू भगत की अग्रिम जमानत पर सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया है. रांची सिविल कोर्ट के प्रधान न्यायुक्त की कोर्ट ने रिंकू भगत को 10-10 हजार के दो निजी मुचलकों पर अग्रिम जमानत की सुविधा दी है. इसके साथ ही अदालत ने प्रार्थी को यह भी निर्देश दिया है कि जब तक यह मामला लंबित है तब तक वो बिना कोर्ट की अनुमति के अपना मोबाइल नंबर नहीं बदलें. प्रार्थी के अधिवक्ता अविनाश पांडे के मुताबिक कोर्ट ने अग्रिम जमानत पर सुनवाई के दौरान यह पाया कि प्रार्थी पर जो आरोप लगाए गए हैं उसका समर्थन गवाह नहीं कर रहे.
प्रार्थी के अधिवक्ता के मुताबिक जांच के क्रम में यह बात सामने आयी है कि सभी गवाहों ने कहा है कि केस की सूचक को पूरे दस्तावेज पुलिस कर्मियों की उपस्थिति में प्राप्त हुए हैं. प्रार्थी स्टेट बार काउंसिल की सदस्य भी हैं इसलिए उन्होंने सूचक का केस नि: शुल्क लड़ने की इच्छा जताई थी.
सूचक ने खुद केस से जुड़े दस्तावेज प्राप्त करने के लिए याचिकाकर्ता को आवेदन दिया था. जिसके बाद याचिकाकर्ता ने उक्त मामले में एनओसी भी दे दी है.
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बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट की अधिवक्ता और स्टेट बार काउंसिल की एकमात्र महिला सदस्य रिंकू भगत पर एक महिला ने गंभीर आरोप लगाए हैं. अधिवक्ता रिंकू भगत के खिलाफ जो प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है, उसमें यह आरोप लगाया गया है कि रिंकू भगत ने फीस लेने के बावजूद अपने मुवकिल की पैरवी अदालत में नहीं की और केस की फाइल देने में भी आनाकानी करने लगी. अग्रिम जमानत मिलने से रिंकू भगत को राहत मिली है. उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया है.