Ranchi : दुमका जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी की मौत के पांच साल बाद परिजनों को मुआवजा मिलेगा. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर गृह कारा आपदा प्रबंधन विभाग ने मुआवजा देने का आदेश जारी किया है. दुमका केंद्रीय कारा प्रशासन की लापरवाही से सजायाफ्ता कैदी 65 वर्षीय मो.ताहिर उर्फ मो.ताहिद की जुलाई 2018 में सदर अस्पताल में मौत हो गई थी. कैदी गोड्डा जिला के महगामा के सिनपुर गांव का रहने वाला था. इस मामले में मृतक कैदी के परिजनों को तीन लाख रूपया मुआवजा देने का आदेश जारी किया गया है.
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हत्या मामले में थी उम्रकैद
हत्या के एक मामले में दोषी करार मो.ताहिर को गोड्डा कोर्ट से 21 जून 2018 को उम्रकैद मिली थी. मो.ताहिर के साथ उसके भाई, दो पुत्र एवं दो भतीजे को उम्रकैद की सजा मिली थी. गोड्डा कारा से दुमका केन्द्रीय कारा में सभी सजायाफ्ता बंदी को शिफ्ट करने के लिए वाहन में लाया जा रहा था. इस दौरान मो.ताहिर कैदी वाहन से फिसलकर जमीन पर गिर पड़ा था. कैदी वाहन से फिसलकर जमीन पर गिरने पर उसकी कमर की हड्डी टूट गई थी. कैदी का भतीजा मो.कासिम ने कारा प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था. केंद्रीय कारा में उसे किसी तरह पकड़कर शौचालय ले जाना पड़ता था. नौ जुलाई 2018 को उसे दुमका सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिसके बाद उसकी मौत हो गई.

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