मणिपुर हिंसा मामले में मूक दर्शक बनी है मोदी सरकार : मोती नाथ शाहदेव
Latehar : मंगलवार को इंडिया गठबंधन के तत्वावधान में मणिपुर में जारी जातीय हिंसा व आदिवासी महिलाओं के साथ की गयी बर्बरता के खिलाफ अक्रोशपूर्ण रैली व सभा किया गया. शहर के माको डाकबंगला से इंडिया गठबंधन के घटक दलों के नेताओं ने एक रैली निकाली. इसका नेतृत्व झामुमो जिला अध्यक्ष लाल मोतीनाथ शाहदेव, कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुनेश्वर उरांव, राजद जिलाध्यक्ष राम प्रवेश यादव, जदयू के जिलाध्यक्ष निजामुद्दीन कुरैशी व सीपीएम नेता अयुब खान ने संयुक्त रूप से किया. रैली में शामिल लोगों ने मणिपुर सरकार को बरखास्त करने व वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रहे थे. रैली समाहरणालय मोड़ के पास पहुंच कर एक सभा में तब्दील हो गयी. इसकी अध्यक्षता झामुमो जिलाध्यक्ष लाल मोती नाथ शाहदेव एवं संचालन कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुनेश्वर उरांव ने किया. इसे भी पढ़ें : महाराष्ट्र">https://lagatar.in/big-accident-in-maharashtra-16-workers-died-due-to-crane-collapse-during-samridhi-expressway-construction/">महाराष्ट्रमें बड़ा हादसा, समृद्धि एक्सप्रेसवे निर्माण के दौरान क्रेन गिरने से 16 मजदूरों की मौत शाहदेव ने कहा कि मणिपुर तीन मई से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है, बावजूद भाजपा नेतृत्व वाली नरेंद्र मोदी की सरकार मूक दर्शक बनी हुई है. केंद्र की यह सरकार मणिपुर में हो रही जातीय हिंसा को रोकने में नाकाम साबित हुई है. कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुनेश्वर उरांव ने मणिपुर में एक समुदाय के द्वारा दूसरे समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने की घटना को अमानवीय व हैवानियत की हद बताया. कहा कि इस घटना से पूरा देश शर्मसार है. राजद जिलाध्यक्ष रामप्रवेश यादव ने कहा कि केंद्र की सरकार संसद में मणिपुर की घटना पर कोई चर्चा नहीं करा रही है. उधर मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.
alt="" width="600" height="400" /> माकपा नेता अयुब खान ने कहा कि मणिपुर में भाजपा शासन में महिलाओं पर अत्याचार चरम पर है. देश ही नहीं विदेशों में भी भारत की बदनामी हो रही है. जदयू के जिलाध्यक्ष निजामुद्दीन कुरैशी ने कहा कि मणिपुर की हिंसा भाजपा की नफरत की राजनीति का परिणाम है. सभा के बाद एक शिष्टमंडल ने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन डीसी हिमांशु मोहन को सौंपा. रैली में झामुमो नेता दीपू कुमार सिन्हा, समशुल होदा, अरूण कुमार दुबे, मानिक गंझू, पॉल एक्का, गोपाल सिंह, निर्मला उरांव, सुनैना कुमारी, ममता सिंह, रेखा देवी, सुरेश उरांव, मो. इमरान, उपेंद्र यादव, अरविंद यादव, ईश्वर उरांव, विजय उरांव, रामवृक्ष, सीतमोहन मुंडा, सुरेश गंझू, हेरहंज जिप सदस्य चंचला देवी, गारु जिप सदस्य जीरा देवी, बुद्धेश्वर उरांव, लातेहार जिप सदस्य विनोद उरांव, कांग्रेस नेता पंकज तिवारी, आफताब आलम, शंभु यादव, बाबर खान, सुरेंद्र पासवान, सुरेंद्र उरांव, अमित यादव, सलाम अंसारी, अनिता देवी, महेंद्र उरांव, राजद नेता लक्ष्मण यादव, रंजीत यादव व अजीत श्रीवास्तव समेत इंडिया गठबंधन दल के कई नेता व कार्यकर्ता शामिल थे. इसे भी पढ़ें : वैशाली">https://lagatar.in/vaishali-one-crore-15-lakh-looted-from-axis-bank-on-the-force-of-arms/">वैशाली
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